हत्थे चढ़ा योगेश दुआ; देशभर में 930 से अधिक मामले दर्ज

कोलकाता। कोलकाता पुलिस की साइबर टीम ने डिजिटल अरेस्ट के नाम पर सैकड़ों लोगों को ठगने वाले को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। उसका नाम योगेश दुआ है। उसके खिलाफ कोलकाता समेत देशभर के कई थानों में डिजिटल अरेस्ट के नाम पर वित्तीय धोखाधड़ी के 930 से अधिक मामले दर्ज हैं। आरोप है कि वह फर्जी सीबीआइ, ईडी और आयकर अधिकारी बनकर डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाकर लोगों को अपना शिकार बनाता था।

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कोलकाता पुलिस की साइबर टीम ने खुफिया सूचना के आधार पर विशेष अभियान चलाकर शुक्रवार देर रात उसे दिल्ली से दबोचा। उसके पास से नकद दो लाख रुपये, विदेशी मुद्रा, लैपटाप, कई विदेशी सिम कार्ड समेत कई सामान जब्त किए गए हैं। आरोपित को शनिवार को ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता लाया गया है। यहां उससे पूछताछ की जा रही है।

गिरोह के साथ देता है घटना को अंजाम

पुलिस का अनुमान है कि योगेश का एक गिरोह है, जिसने कोलकाता समेत विभिन्न शहरों में डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाकर लोगों को ठगा है। विभिन्न शिकायतों के आधार पर कोलकाता पुलिस की साइबर टीम उसे काफी दिनों से तलाश रही थी। पुलिस उससे पूछताछ कर गिरोह में शामिल अन्य लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रही है। पुलिस के अनुसार, योगेश का भाई आदित्य दुआ भी इस धोखाधड़ी का एक मास्टरमाइंड है। पुलिस उसकी भी तलाश कर रही है।मालूम हो कि कोलकाता पुलिस ने इससे पहले नौ जनवरी को बेंगलुरु से डिजिटल अरेस्ट के एक अन्य मास्टरमाइंड चिराग कपूर को गिरफ्तार किया था। उसके एक सहयोगी ओंकार सिंह को भी गिरफ्तार किया गया था।

गोल्फग्रीन की घटना के बाद हुई गिरफ्तारीहाल में कोलकाता के गोल्फग्रीन थाना क्षेत्र में डिजिटल अरेस्ट की एक घटना घटी थी। गोल्फग्रीन के एक निवासी ने इस संबंध में कोलकाता पुलिस के साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि साइबर अपराधियों ने उन्हें धमकाकर करीब 47 लाख रुपये ठग लिए।जनवरी की शुरुआत में यह घटना घटी थी। काल करने वाले ने खुद को दिल्ली पुलिस से होने का दावा करते हुए कहा था कि दंपती को डिजिटल अरेस्ट किया गया है। इससे बचने के लिए 47 लाख रुपये की मांग की गई थी। दंपती ने डर से रुपये भेज दिए थे। इसी मामले की जांच में पुलिस ने आरोपित को दिल्ली से गिरफ्तार किया।

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