काबुल। तालिबान ने लड़कियों और महिलाओं के लिए जल्द ही अच्छी खबर का वादा किया है। अफगानिस्तान के होम मिनिस्टर और तालिबान के को-डिप्टी लीडर सिराजुद्दीन हक्कानी ने हाई स्कूल खोलने का वादा किया है। इसके इतर उनका कहना है कि जो महिलाएं तालिबान शासन का विरोध कर रही हैं, उन्हें घर के अंदर ही रहना चाहिए।
दरअसल, अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद लड़कियों के लिए हाई स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए थे। CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, हक्कानी ने कहा- मैं कुछ स्पष्टीकरण देना चाहता हूं। हम लड़कियों के लिए शिक्षा का विरोध नहीं कर रहे हैं। अभी भी लड़कियों के लिए क्लास 6 तक स्कूल खोले गए हैं। हालांकि, जब तक स्कूल में ड्रेस कोड लागू नहीं कर दिया जाता तब तक क्लास नहीं लगेगी।
अफगानिस्तान में सत्ता काबिज करने के बाद तालिबान ने कहा था कि वो महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा आजादी देंगे।
महिलाओं के लिए इस्तेमाल किया ‘नॉटी वुमन’ शब्द
CNN को दिए गए एक इंटरव्यू में जब सिराजुद्दीन हक्कानी से तालिबानियों के डर से घर के बाहर नहीं निकलने वाली महिलाओं पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा- हम ‘नॉटी वुमन’ को घर में रखते हैं। इस पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा- ‘नॉटी वुमन’ से मतलब उन महिलाओं से है, जो दूसरों के कहने पर सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा करती हैं।
तालिबानी फरमानों से मुकर गए हक्कानी
हिजाब से संबंधित एक सवाल के जवाब में हक्कानी तालिबानी फरमानों से मुकरता नजर आया। उसने कहा- हम चाहते हैं कि महिलाएं कम से कम एक हिजाब पहनें। वो चेहरा दिखा सकती हैं। हाल ही में तालिबान ने फरमान जारी कर कहा था महिलाओं को पब्लिक के बीच चेहरा कवर करना ही होगा और सार्वजनिक जगहों पर बुर्का पहनना ही होगा।
यहां पढ़ें तालिबानी फरमान से जुड़ी खबरें-
- तालिबान हुकूमत ने महिला और पुरुषों के एक ही दिन अम्यूज्मेंट पार्क जाने पर रोक लगा दी। न्यूज एजेंसी स्पुतनिक ने बताया, नए फरमान के मुताबिक अब पुरुष बुधवार से शनिवार और महिलाएं रविवार से मंगलवार तक ही अम्यूज्मेंट पार्क जा सकेंगी।
- तालिबानी अधिकारियों ने महिलाओं के अधिकार सीमित करने की तरफ एक और कदम बढ़ाया है। अफगानिस्तान के सबसे हेरात शहर में तालिबानी अधिकारियों ने सभी ड्राइविंग इंस्टीट्यूट से महिलाओं का लाइसेंस इश्यू न करने का फरमान जारी किया है।
- तालिबान हुकूमत ने महिलाओं के अकेले सफर करने पर रोक का फरमान जारी किया। तालिबान की तरफ से जारी बयान में कहा गया- वो औरतें जो पुरुष रिश्तेदार के बिना लंबी दूरी का सफर तय करती हैं, उन्हें सवारी गाड़ी में नहीं बैठाया जाए।