हांगकांग। किसी के लिए भी अपने शहर, अपनी जगह और अपने वतन को छोड़ना आसान नहीं होता। जिस मिट्टी में आप पले-बढ़े हो और जहां आपने भविष्य के लिए सपने बुने हो, उस जगह को मजबूरी में छोड़कर जाना आसान नहीं होता।
वर्तमान में हांगकांग के लोग इसी जद्दोजहद में है। हांगकांग में चीन की लगातार बढ़ती सख्ती को देखते हुए ब्रिटेन ने वहां के लाखों लोगों के लिए अपनी नागरिकता देने का रास्ता खोल दिया है। हालांकि ब्रिटेन के इस कदम से चीन बिल्कुल भी खुश नहीं है। ऐसे हालात में हांगकांग के लोग असंमज में आ गए हैं। एक जगह से उजड़ कर दूसरे देश में जाकर बसना आसान नहीं होता।
मालूम हो कि साल ब्रिटेन ने 1997 में हांगकांग को चीन को सौपा था। 1997 से पहले वहां ब्रिटेन का शासन था। ब्रिटेन ने हांगकांग को चीन को इस वादे के साथ सौंपा था कि कम के कम 50 साल तक हांगकांग की आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्था को नहीं बदला जाएगा।
उस समय चीन ने भी इसे “एक देश दो व्यवस्थाओं” वाले सिद्धांत के आधार पर स्वीकार किया था, लेकिन अब चीन देश के दूसरे हिस्सों की तरह यहां भी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का एकछत्र राज कायम करना चाहता है।
साल 2019 में हांगकांग में हुए लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों को ताकत के दम पर कुचला गया। इस समय नए सुरक्षा कानून के तहत बड़े पैमाने पर लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया।
75 लाख आबादी वाले हांगकांग में हर उठने वाली आवाज को चीनी सरकार दबाना चाहती है जो उसके सुर में सुर नहीं मिलाती। अब इस हालात को देखते हुए ब्रिटेन ने अपनी नई वीजा स्कीम के तहत उन लोगों को ब्रिटेश नागरिकता की पेशकश की है जो हांगकांग को छोडऩा चाहते हैं।
डीडब्ल्यू के मुताबिक इमिग्रेशन कंसल्टेंट बिली वोंग बताते है कि पिछले महीने उनके पास ऐसे लोगों की बहुत सारी फोन कॉल्स आई हैं जो ब्रिटेन जाना चाहते हैं। बहुत सारे लोग हांगकांग छोडऩा चाहते हैं। ऐसे लोगों की संख्या बहुत ही ज्यादा है।
बिली वोंग खुद ब्रिटेन जाना चाहते हैं। उनकी पत्नी आईलीन येउंग और वोंग कई बरसों से इस बारे में सोच रहे थे आईलीन येउंग चीन द्वारा थोपे गए नए सुरक्षा कानून की तरफ इशारा करते हुए कहती हैं, नया कानून आने से हमें बहुत सावधानी बरतनी पड़ रही है। बोलने से पहले हजार बार सोचना पड़ रहा है। फेसबुक पर क्या लिखें यह सबसे कठिन सवाल बन गया है।
येउंग कहती हैं कि मैं सबसे ज्यादा अपनी बेटी के लिए चाहती हूं कि वह आजाद रहे और मुक्त रूप से सोच सके। वह अभी 10 साल की है। उसका एडमिशन पहले ही ब्रिटेन के डेब्री शहर के एक स्कूल में हो गया है। अपनी जिंदगी के अगले अध्याय के बारे में उसके जेहन में बहुत सारे सवाल है।
फिलहान हांगकांग में बिली वोंग और आईलीन येउंग जैसे हजारों लाखों लोग हैं जो हांगकांग छोड़ ब्रिटेन में शिफ्ट होना चाहते हैं।