हाउसिंग फाइनेंस बिजनेस से बाहर निकलेगा सेंट्रल बैंक, 160 करोड़ में बेचेगा हिस्सेदारी

नई दिल्ली। सरकारी बैंक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया हाउसिंग फाइनेंस बिजनेस से बाहर निकलेगा। इसके लिए वह 160 करोड़ रुपए में सेंट्रम हाउसिंग फाइनेंस को अपनी 64% से ज्यादा की हिस्सेदारी बेचेगा। बैंक का हाउसिंग फाइनेंस बिजनेस ज्वाइंट वेंचर में है।

1.61 करोड़ शेयर बेचेगा बैंक

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने शेयर बाजारों को दी गई सूचना में कहा कि बैंक अपनी पूरी इक्विटी हिस्सेदारी 10 रुपए के फेस वैल्यू वाले 1.61 करोड़ शेयरों को बेचेगा। यह 64.40% है। यह हाउसिंग फाइनेंस कंपनी सेंट बैंक होम फाइनेंस लिमिटेड (CBHFL) के नाम से है। यह सेंट्रम हाउसिंग फाइनेंस के साथ ज्वाइंटर वेंचर में है। सेंट्रल बैंक ने इसके लिए एक बाध्यकारी समझौता (binding agreement) किया है। इसे रेगुलेटरी अथॉरिटी को मंजूरी के लिए भेज दिया गया है।

160 करोड़ रुपए की आएगी लागत

सेंट्रम हाउसिंग की पैरेंट कंपनी सेंट्रम कैपिटल द्वारा एक अलग फाइलिंग के अनुसार, अधिग्रहण की लागत कैश बेसिस पर लगभग 160 करोड़ रुपए है। सेंट्रम कैपिटल ने फाइलिंग में कहा कि सेंट्रम हाउसिंग फाइनेंस ने CBHFL में बैंक की पूरी इक्विटी हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के साथ शेयर खरीद समझौता किया है। यह पूरी तरह से डाइल्यूटेड बेसिस पर 64.40 पर्सेंट है।

बिजनेस की दिशा में सही कदम

सेंट्रम ने कहा कि यह कदम हमारे व्यापार की दिशा में चल रहा सही कदम है। यही हमारा रणनीतिक अधिग्रहण (strategic acquisition) है। सेंट्रम कैपिटल ने कहा कि करीब दो से तीन महीने में यह डील पूरी हो जाएगी। CBHFL एक फाइनेंस और मॉर्गेज कंपनी है जो संयुक्त रूप से चार सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों-सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, नेशनल हाउसिंग बैंक, स्पेसिफाईड अंडरटेकिंग यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (SUTTI) और हाउसिंग एंड अर्बन डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन (हुडको) द्वारा संयुक्त रूप से प्रमोटेड है।

1,211 करोड़ रुपए एयूएम

30 सितंबर, 2020 तक कंपनी का असेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 1,211 करोड़ रुपए और कुल आय 65.81 करोड़ रुपए थी। 9 राज्यों में मौजूद कंपनी के ग्राहकों में व्यक्तिगत, एसोसिएशन, कंपनियां, कॉर्पोरेशन और सोसायटियां शामिल हैं। बता दें कि घाटे में चल रहे सरकारी बैंक इस समय अपनी नॉन कोर संपत्तियां और कुछ अच्छी संपत्तियों को बेचने की योजना बना रहे हैं ताकि उनकी बैलेंसशीट में मजबूती आ सके। हाल में बैंक ऑफ इंडिया ने भी अपनी म्यूचुअल फंड कंपनी से बाहर निकलने की घोषणा की थी।

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