हाथरस भगदड़ केस पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, जांच समिति नियुक्त करने की मांग

हाथरस भगदड़ मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में हाथरस भगदड़ की जांच के लिए सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की देखरेख में 5 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति नियुक्त करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है।

मंगलवार शाम को सत्संग के दौरान मची भगदड़ अब तक 121 लोगों की जान जा चुकी है और 28 लोग घायल हैं। घायलों का अस्पताल में इलाज जरी है। घायलों में कई लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है।

इस मामले में पुलिस ने ‘मुख्य सेवादार’ और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि मंगलवार देर रात सिकंदराराऊ थाने में मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य सेवादारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

अधिकारी ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा), 238 (साक्ष्यों को मिटाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई भगदड़ की घटना पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह का भी बयान सामने आया है। संजय सिंह ने कहा है कि अपने राजनीति फायदे के लिए इस तरह के बाबा का बाजार विकसित हो रहा है। कैसे इतनी भीड़ जमा हो गई। मुवाअजा की घोषणा करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर धंधा बंद होना चाहिए। आम आदमी पार्टी के सांसद ने कहा कि कल हाथरस में हुई भगदड़ में जो लोग मारे गए वह समाज के सबसे पिछड़े लोग हैं। वहां की हालत देखकर और शवों की तस्वीरें देखकर आंसू आ रहे हैं।

संजय सिंह ने कहा कि इस देश में इंसान की कोई कीमत नहीं रह गई है। पुल गिर जाए, भगदड़ मच जाए और लोगों की जान चली जाती है। एक व्यक्ति अपना बाबा बाजार खड़ा कर रहा है और उस पर कोई नियंत्रण नहीं है। हरियाणा में देख लीजिए, एक बाबा हत्या और बलात्कार का दोषी है और वह जब चाहता है तब बाहर आ जाता है। पूरी सरकार उसके आगे नतमस्तक हो जाती है।

आपको बता दें, यूपी के हाथरस जिले में एक सत्संग में हुई भगदड़ की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 121 हो गई है। राज्य के राहत आयुक्त कार्यालय की ओर से बुधवार को यह जानकारी दी गई। राहत आयुक्त कार्यालय के मुताबिक मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं हैं। अधिकांश अनुयायियों की मौत दम घुटने के कारण हुई।

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