हिमालय की गोद में बसा पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है मनाली

एशिया में चीन के बाद भारत एक मात्र ऐसा देश है जो आबादी और क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा है। कहा तो यह जाने लगा है कि वर्तमान में भारत की जनसंख्या चीन से ज्यादा है। हालांकि 2011 के बाद से भारत की जनसंख्या गणना नहीं हो पाई है। पर्यटन की दृष्टि भारत का विश्व में अपना एक अलग स्थान है। भारत में यूं तो पर्यटन के लिहाज से कई ऐसे क्षेत्र हैं जिन्हें एक बार देखने के बाद बार-बार देखने का मन करता है।

इन्हीं क्षेत्रों में शामिल है हिमाचल प्रदेश का सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशन, मनाली, जो वर्ष के अधिकांश समय पीर पंजाल और धौलाधार पर्वतमाला के सबसे शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है। हिमाचल प्रदेश उत्तर भारत का सबसे खूबसूरत पहाड़ी इलाका है जो पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है। पश्चिमी हिमालय की गोद में बसा यह राज्य पहाड़ों व नदियों से घिरा है। ये राज्य रावी, चेनाब, ब्यास, यमुना व सत्लुज जैसी बड़ी नदियों का मूल क्षेत्र है।

प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण यह क्षेत्र छुट्टियाँ मनाने के लिए एक बहुत ही उम्दा पसंद है। हिमाचल प्रदेश का एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है मनाली, जो शिमला से लगभग 275 किलोमीटर दूर है। चारों ओर से पहाड़ों से घिरे मनाली को देखकर रोमांच और रोमांस का अनुभव होता है। एडवेंचरस के शौकीन लोगों के लिए यह बेहतरीन स्पॉट है। यह बेस्ट हनीमून स्पॉट भी है।

प्राकृतिक स्थिति
मनाली भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के कुल्लू जिले में स्थित एक नगर है। यह 1,950 मीटर (6,398 फीट) की ऊँचाई पर ब्यास नदी के किनारे कुल्लू घाटी के उत्तरी छोर पर बसा हुआ है। मनाली राज्य की राजधानी, शिमला, से 270 किमी उत्तर में, चंडीगढ़ से 309 किमी पूर्वोत्तर में और दिल्ली से 544 किमी पूर्वोत्तर में स्थित है।

यह भारत के लद्दाख क्षेत्र और फिर काराकोरम दर्रे के पार तारिम द्रोणी में यारकन्द और खोतान जाने के प्राचीन व्यापारिक मार्ग का आरम्भ-बिन्दु है। मनाली एक लोकप्रिय पर्वतीय स्थल (हिल स्टेशन) है और पर्यटकों के लिए लाहौल और स्पीति जिले तथा लेह का प्रवेश द्वार भी है।

मनु के नाम पर है शहर
मनाली शहर का नाम मनु के नाम पर पड़ा है। मनाली शब्द का शाब्दिक अर्थ मनु का निवास-स्थान होता है। पौराणिक कथा के मुताबिक जल-प्रलय से दुनिया की तबाही के बाद मनुष्य जीवन को दुबारा निर्मित करने के लिए साधु मनु अपने जहाज से यहीं पर उतरे थे। मनाली को देवताओं की घाटी के रूप में जाना जाता है। पुराने मनाली गांव में ऋषि मनु को समर्पित एक अति प्राचीन मंदिर हैं।

इतिहास
मनाली और उसके आस-पास के क्षेत्र भारतीय संस्कृति और विरासत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इसे सप्तर्षि या सात ऋषियों का घर बताया गया है। अस्सी के दशक में कश्मीर में बढ़ते आतंकवाद के बाद मनाली के पर्यटन को जबरदस्त बढ़ावा मिला। जो गाँव कभी सुनसान रहा करता था वो अब कई होटलों और रेस्तरों वाले एक भीड़-भाड़ वाले शहर में परिवर्तित हो गया। मनाली 32.16एहृ 77.10एश्व पर अवस्थित है।

यह शहर 1,800 मीटर (5,900 फीट) से ऊपरी (प्राचीन मनाली) भाग, 2,000 मीटर (6,600 फीट) की ऊंचाई तक फैला हुआ है। मनाली का मौसम जाड़े में प्रबल रूप से ठंडा और गर्मी के दिनों में हल्का ठंडा रहता है। इस क्षेत्र में हिमपात जो आमतौर पर दिसंबर के महीने में होता था, पिछले पन्द्रह वर्षों से विलंबित होकर जनवरी या शुरूआती फरवरी में होने लगा है।

पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है मनाली
मनाली, लोकप्रिय हिमालय सम्बन्धी पर्यटक स्थल है और यह हिमाचल प्रदेश आने वाले कुल यात्रियों का लगभग एक चौथाई हिस्सा दर्शाता है। मनाली का ठंडा वातावरण भारत की चिलचिलाती गर्मी के मौसम में भी राहत प्रदान करता है। यहाँ साहसी खेलों जैसे स्कीइंग, हाइकिंग (लंबी पैदल यात्रा), पर्वतारोहण, पैराग्लाइडिंग, राफ्टिंग, ट्रैकिंग, कायाकिंग और माउन्टेन बाइकिंग का भी पर्यटक आनन्द लेते हैं।

यॉक स्कीइंग इस क्षेत्र का एक अनोखा खेल है। अपने एक्सट्रीम याक स्पोट्र्स के कारण मनाली को एशिया में सर्वश्रेष्ठ के रूप में टाईम्स मैगजीन में चित्रित किया गया है। इसके अतिरिक्त मनाली अपने गर्म बसंत, धार्मिक तीर्थ स्थल और तिब्बती बौद्ध मंदिरों के चलते दर्शकों के आकर्षण का केन्द्र है।

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