नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि सैन्य स्तर पर चीन के साथ बातचीत जारी है। सही समय पर सब कुछ खुलासा करेंगे लेकिन देश की सुरक्षा और संप्रभुता के साथ कोई समझौता नहीं होगा। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लोग भी भारत के साथ बने रहना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यह कैसी विडम्बना थी कि पहले कश्मीर में आज़ादी को लेकर जब कोई आंदोलन होता था तो कश्मीर का झंडा नहीं दिखता था बल्कि पाकिस्तान और आईएस का झंडा दिखाई देता था लेकिन अनुच्छेद 370 के निष्प्रभावी होने के बाद केवल ‘विजयी विश्व तिरंगा प्यारा’ दिखता है।
रक्षा मंत्री सिंह रविवार को ’जम्मू-कश्मीर जनसंवाद’ वर्चुअल रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में पहली बार तिरंगा फहराने वाले मक़बूल शेरवानी से लेकर हाल में अजय पंडिता तक बहुत सारे लोगों ने अपनी जान गंवाई है। उन सभी शहीदों को याद करते हुए मैं श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र में दोबारा सरकार बनने के 100 दिनों के भीतर जनमन और जनमत का सम्मान करते हुए अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त कर दिया। इतना ही नहीं पुराने जम्मू और कश्मीर राज्य को दो केन्द्रशासित प्रदेशों में बांट कर बरसों से पल रही जन आकांक्षाओं का भी सम्मान किया है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि 1976 में आपातकाल के दौरान जब संविधान के 42वें संशोधन के माध्यम से सेक्युलर शब्द जोड़ा गया तो जम्मू-कश्मीर की विधानसभा ने यह शब्द जम्मू-कश्मीर के संविधान में जुड़ने नहीं दिया। अब 370 समाप्त हो जाने के बाद जम्मू-कश्मीर सही मायनों में सेक्युलर हो गया है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में हम विपक्ष की अहमियत समझते हैं। हम उनका सम्मान करते हैं।
हमारी सरकार किसी को अंधेरे में नहीं रखेगी। उचित समय पर जानकारी दी जाएगी। मैं भरोसा देता हूं कि हम किसी भी सूरत में भारत के राष्ट्रीय स्वाभिमान से समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने संकल्प लिया है कि भारत एक आयातक देश के रूप नहीं बल्कि एक निर्यातक देश के रूप में पहचाना जाना चाहिए। अब एमएसएमई सेक्टर को पुनः परिभाषित किया गया है। कई ऐसे निर्णय लिए गए हैं जिससे भारत के उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्रीजी ने आत्मनिर्भर भारत की बात की है और जिस दिशा में हम बढ़ रहे हैं। भारत को आत्मनिर्भर होने से कोई रोक नहीं सकता।
रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा की दृष्टि से भी भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। राफेल लड़ाकू विमान सेना में शामिल होने के बाद हमारी वायुसेना की ताकत बढ़ जाएगी। जुलाई में राफ़ेल के भारत आने की सम्भावना है। हम किसी को डराने के लिए अपनी ताकत नहीं बढ़ाना चाहते, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए ताकत बढ़ाना चाहते हैं।