नई दिल्ली। सरकार ने फास्टैग के नियमों में बदलाव किया है। अब जिनके पास तीन साल या उससे ज्यादा पुराने वाहन हैं, उनके लिए फास्टैग अनिवार्य होगा। यानी जिन्होंने दिसंबर 2017 से पहले वाहन खरीदा है उन सभी के लिए वाहन में फास्टैग लगवाना अनिवार्य होगा। नए नियम 1 जनवरी 2021 से लागू किए जाएंगे। इसके अलावा थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस को खरीदने के लिए फास्टैग भी अनिवार्य होगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने कहा है कि नियम 1 अप्रैल 2021 से लागू किया जाएगा।
डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा
सरकार टोल शुल्क में डिजिटल और आईटी आधारित पेमेंट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इन नियमों की अनिवार्यता पर जोर दे रही है। 3 सितंबर को सरकार ने बयान जारी किया था, जिसके मुताबिक मंत्रालय ने 1 सिंतबर को अधिसूचना जारी कर लोगों से 1 दिसंबर से पहले बेचे गए चार पहिया वाहनों पर फास्टैग की अनिवार्यता पर सुझाव मागें हैं।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के लिए फास्टैग की अनिवार्यता
सरकार ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर),1989 में संशोधन किया है। नए संशोधित प्रावधान को 1 जनवरी 2021 से लागू किया जाएगा। इसके मुताबिक नए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेने के दौरान फास्टैग की अनिवार्यता होगी यानी इंश्योरेंस लेते वक्त फास्टैग आईडी की जरूरत पड़ेगी। नियम 1 अप्रैल 2021 से लागू होंगे। सरकारी बयान में यह भी कहा गया है कि फास्टैग फिट होने के बाद ही ट्रांसपोर्ट वाहनों के लिए फिटनेस सर्टीफिकेट को रेनूवल किया जाएगा।
केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर),1989 के तहत नए चार पहिया वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए फास्टैग को साल 2017 से अनिवार्य कर दिया गया था। फास्टैग को व्हीकल निर्माता या डीलर द्वारा मुहैया किया जाता है। वहीं नेशनल परमिट व्हीकल्स (एनपीवी) के लिए फास्टैग की अनिवार्यता 1 अक्टूबर 2019 से शुरु की गई है।
क्या होता है फास्टैग?
फास्टैग के माध्यम से टोल प्लाजा पर वाहनों को लंबी लाइन से छुटकारा मिलता है और समय की भी बचत होती है। यह एक ऑटोमेटिक पेमेंट मोड है। फास्टैग एक रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैग है, जिसे गाड़ी की विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है। इसे बैंक अकाउंट या नैशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पेमेंट वॉलेट से लिंक किया जाता है।
फास्टैग स्टीकर को ऑफलाइन या ऑनलाइन आवेदन करके खरीदा जा सकता है। इसके लिए बैंकों की फास्टैग ऐप्लिकेशन वेबसाइट पर डीटेल भरकर आवेदन करना होता है। फास्टैग अकाउंट बन जाने के बाद इसे मोबाइल ऐप से भी कंट्रोल किया जा सकता है। फास्टैग को बैंक अकाउंट से भी रिचार्ज किया जा सकता है। बता दें कि एक फास्टैग को दो या उससे अधिक वाहनों के लिए उपयोग में नहीं लाया जा सकता है।