कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता नगर निगम की गाड़ी में एक के बाद एक 13 शवों को जानवरों की तरह घसीटते हुए डाले जाने के मामले में अब राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कोलकाता नगर निगम प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है। एक दिन पहले ही उन्होंने इस मामले में राज्य के गृह सचिव अलापन बनर्जी से रिपोर्ट तलब की थी।
दरअसल गुरुवार को एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें देखा जा सकता था कि शवों को जानवरों की तरह घसीटते हुए गर्दन में डंडा फसाकर उन्हें गाड़ियों में डाला जा रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद राज्य सरकार चौतरफा घिर गई थी। भाजपा ने आरोप लगाया था कि ये शव कोविड-19 से मरने वाले लोगों का है और राज्य सरकार आंकड़े छिपाने के लिए चोरी-छिपे ठिकाने लगा रही थी।
हालांकि बाद में एनआरएस अस्पताल ने बयान जारी कर दावा किया था कि ये लावारिस शव थे इन्हें अंतिम संस्कार के लिए नगर निगम को सौंपा गया था। दावा किया गया था कि ये शव कोविड-19 से मरने वालों के नहीं थे। इसके बाद कोलकाता पुलिस ने इसे कोविड-19 मृतकों के शव करार देने वाले भाजपा नेताओं और अन्य नागरिकों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था।
इसी को लेकर राज्यपाल ने शुक्रवार को तीन ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि सवाल यह नहीं है कि शव कोविड-19 पीड़ित लोगों के थे या नहीं लेकिन जिस तरह से उन्हें बर्बर तरीके से जानवरों की तरह घसीटते हुए ले जाया गया वह शर्मनाक है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को टैग करते हुए उन्होंने लिखा कि यह हैरान करने वाला है कि इस वीडियो के बारे में सवाल पूछने वालों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें दमन करने की कोशिश की जा रही है।
यह दुखद है। अपने ट्वीट में राज्यपाल ने लिखा है कि उन्होंने इस मामले में कोलकाता नगर निगम के वर्तमान प्रशासक फिरहाद हकीम और निगमायुक्त से रिपोर्ट तलब की है। इस वीडियो को लेकर सवाल खड़ा करने वालों पर सवालिया निशान लगाने वाले तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की और इशारे इशारे में हमला करते हुए राज्यपाल ने कहा कि जो लोग इस मामले पर सवाल खड़ा कर रहे हैं अगर ये शव उनके परिजनों के होते तो कैसा लगता