गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में बीते रविवार को 14 साल के बच्चे को अगवा कर उसकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को पकड़ लिया है। पुलिस के मुताबिक, दयानंद, अजय गुप्त और निखिल ने मिलकर बच्चे का अपहरण किया और बाद में उसकी हत्या कर दी। दो अन्य भी इस साजिश में शामिल थे। बच्चे ने पहचान लिया था, इसलिए अपहरणकर्ताओं ने उसकी हत्या कर दी थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रकरण को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाकर दोषियों को सख्त सजा दिलाए जाने का आश्वासन दिया है। साथ ही कहा कि आरोपियों पर एनएसए लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री की तरफ से मंगलवार को पिपराइच से भाजपा विधायक महेंद्र पाल सिंह ने पीड़ित परिवार को पांच लाख का चेक सौंपा है।
पिता की आंखों के सूखे आंसू, बहनों का रो-रोकर बुरा हाल
बेटे का शव देखने के बाद पिता महाजन की आंखों के आंसू सूख गए हैं। वहीं, मृतक की चार बहनों का रो-रोकर बुरा हाल है। वह अपनी बहनों का इकलौता भाई था। बहनें रक्षाबंधन के त्योहार की बीती यादों को सोचकर बिलख रही हैं। मंगलवार को पिपराइच के भाजपा विधायक महेंद्र पाल सिंह के अलावा जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन और एसएसपी डा. सुनील कुमार गुप्ता ने पहुंचकर पीड़ित परिवार को सांत्वना दी।काफी समझाने के बाद महाजन गुप्ता ने विधायक के हाथों चेक लिया।
कांग्रेस ने किया प्रदर्शन, सीबीआई की जांच की मांग की
इस प्रकरण में अब सियासत भी शुरू हो गई है। मंगलवार को टाउन हाल गांधी प्रतिमा पर कांग्रेसियों ने मृतक बच्चे को श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा मामले की सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग करते हुए भाजपा सरकार से इस्तीफा देने की मांग भी की। जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान ने कहा कि 5 लाख रुपए देने से वो मासूम वापस नहीं आ जाएगा।
यह है पूरा मामला
पिपराइच इलाके के जंगल छत्रधारी के मिश्रौलिया निवासी 14 साल के बलराम की एक करोड़ रुपए की फिरौती के लिए निर्मम तरीके से गला घोंटकर हत्या कर दी गई। एसएसपी सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि, पुलिस की गिरफ्त में आए पांच आरोपी नई उम्र के लड़के हैं। इसके पहले उन लोगों का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं मिला है। अभी 2 अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। इस प्रकरण में एक सब इंस्पेक्टर और दो सिपाहियों को निलंबित किया गया है।