अयोध्या। रामनगरी अयोध्या में पांच अगस्त को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्रस्तावित भूमि पूजन व शिलान्यास को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ भी बेहद गंभीर हैं। लखनऊ में शनिवार को कोरोना वायरस की समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री अयोध्या राम जन्मभूमि परिसर पहुंचे। यहांं उन्होंने भगवान राम की पूजा करने के बाद भूमिपूजन की तैयारियों का जायजा लिया और शाम को गोरखपुर रवाना हो गए।
कारसेवकपुरम में संतों के साथ पार्टी पदाधिकारियों व ट्रस्ट के सदस्यों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पांच सौ वर्षों के लंबे संघर्ष व लाखों बलिदानों के बाद श्रीरामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की शुभ बेला आई है। हमें इस अवसर को वैश्विक उत्सव का स्वरूप देना होगा। अयोध्या में एक अगस्त से ही दीपावली जैसा दृश्य दिखाई देना चाहिए। लोग अपने घरों में और संत महंत अपने मंदिरों में घी के दीपक जलाएं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामजन्मभूमि स्थल पर भगवान राम की पूजा की और भरत, शत्रुघ्न और लक्ष्मण जी को नए आसन पर विराजमान कराया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामलला का दर्शन करने के बाद दर्शन करने हनुमानगढ़ी पहुंचे। परिसर में राम मंदिर निर्माण की तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान जिला प्रशासन के अधिकारी व ट्रस्ट के लोग मौजूद रहे। न्यास कार्यशाला में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने सीएम योगी आदित्यनाथ को तराशी गई शिलाओं के बारे में जानकारी दी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यहां लोग अपने घरों में और संत-महंत अपने मंदिरों में घी के दीपक जलाएं। कोरोना संक्रमण के कारण सभी लोगों की उत्सव में प्रत्यक्ष भागीदारी सम्भव नहीं है, लेकिन दूरदर्शन पर भूमि पूजन का सजीव प्रसारण होगा। सभी लोग अपने घरों से ही इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन सकेंगे।
उन्होंने संतों से आग्रह किया कि कोरोना संकट के कारण सभी संतों को भूमि पूजन में आमंत्रित नहीं किया जा पा रहा है। इस कारण जिन संतों के नाम से आमंत्रण ट्रस्ट की ओर से भेजा जाय वही संत आयोजन में पधारें शिष्य या अन्य साधुओं को साथ न लाये। कारसेवकपुरम में बैठक समाप्त करने के बाद सीएम साकेत महाविद्यालय पहुंचे।
अयोध्या में पांच अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी के आगमन की तैयारी को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ आज अफसरों के साथ भूमि पूजन और प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर समीक्षा बैठक की। वहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साधु-संतों से भी इस दौरान मुलाकात की। वहीं हनुमानगढ़ी में दर्शन किए। इसके बाद राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में जाकर तैयारी परखीं।
श्रीराम जन्मभूमि पर प्रस्तावित मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन में पांच अगस्त को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रित करने की योजना है। सीएम योगी आदित्यनाथ अयोध्या में भूमि पूजन कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा करेंगे। वह श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र तीर्थ ट्रस्ट के पदाधिकारियों और संतों से भी मुलाकात करेंगे। सरकार के मुखिया के तौर पर योगी आदित्यनाथ भूमिपूजन की तैयारियों की नियमित तौर पर बारीकी से समीक्षा कर रहे हैं। बीते दिनों उन्होंने शासन के अधिकारियों और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ अयोध्या के विकास को लेकर बैठक की थी।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ श्रेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर के नए मॉडल पर मुहर लगा दी है। श्रीराम मंदिर के वैराट्य और भव्यता में चार चांद लगाने वाले नए मॉडल पर ट्रस्ट की मुहर लगने के बाद रामनगरी में भूमिपूजन की तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। भूमि पूजन स्थल के अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हनुमानगढ़ी जाकर भी तैयारियों का जायजा ले सकते हैं।
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का भव्य आयोजन प्रशासनिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण होगा। भूमि पूजन समारोह की भव्यता में कोई कोर कसर न रह जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौके पर जाकर तैयारियों का निरीक्षण करेंगे।
श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन समारोह में शामिल होने के लिए अयोध्या आने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हनुमानगढ़ी मंदिर जाकर बजरंग बली के दर्शन-पूजन करेंगे। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी का यह अयोध्या का पहला दौरा होगा।