लखनऊ। हजरतगंज स्थित उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव बैंक के मुख्यालय के खाते से 146 करोड़ रुपये के फ्राड के मामले में साइबर थाने की टीम ने पूर्व बैंक प्रबंधक आरएस दुबे और बिल्डर सुखसागर चौहान को गिरफ्तार कर लिया है। गिरोह से जुड़े तीन साइबर जालसाज और हैकर समेत अन्य की तलाश में पुलिस की टीमें दबिश दे रही हैं। एसपी साइबर क्राइम त्रिवेणी सिंह ने जल्द ही गिरोह के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार करने का दावा किया है।
गिरोह का सरगना मेसर्स भूमिसार कांस्ट्रक्शन एवं सागर सोलर प्राइवेट लिमिटेड का मालिक सुख सागर चौहान है। इसने ही पूर्व बैंक प्रबंधक और साइबर जालसाजों एवं हैकरों के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से इतनी बड़ी रकम बैंक के खाते से निकलवाकर आठ खातों में ट्रांसफर करवाई थी। 146 करोड़ की रकम सुख सागर और उसके भाई गंगा सागर व कुछ अन्य फर्मों के बैंक खातों में भेजी गई थी।
घटना की जानकारी मिलते ही साइबर थाने की टीम ने आनन-फानन सभी खाते फ्रीज कर सारी रकम वापस मंगा ली। एसपी साइबरी क्राइम का दावा है कि बैंक के भी कुछ अन्य लोग जो वर्तमान में कार्यरत हैं उनकी भूमिका भी संदेह के घेरे में है। जिसकी जांच की जा रही है।
वहीं, बिल्डर सुख सागर चौहान के भाई गंगा सागर की तलाश में भी दबिश दी जा रही है। बैंक के गार्ड से भी इस संबंध में पूछताछ जारी है। लिखापढ़ी के बाद टीम ने उसे छोड़ दिया है पर अभी उसे क्लीन चिट नहीं दी गई है। पूछताछ जारी रहेगी। पूर्व प्रबंधक आरएस दुबे इंदिरानगर सेक्टर 11 और सुखसागर सिंह चौहान विरामखंड गोमतीनगर का रहने वाला है।
एसपी त्रिवेणी सिंह ने बताया कि बीते शनिवार को पूर्व प्रबंधक एक व्यक्ति के साथ बैंक के अंदर सुबह 8:30 बजे गया था। वह व्यक्ति एक बैग भी लिए था। उसमें लैपटाप और कुछ इलेक्ट्रानिक गैजेट्स थे। आरएस दुबे बैंक के एनएडी (कृषियेत्तर ऋण अनुभाग) में पहुंचा।
वहां कंप्यूटर पर बैठकर उसने बैंक के ही दो कर्मचारियों की यूजर आइडी और पासवर्ड का प्रयोग कर साइबर जालसाजों और हैकरों की मदद से सारा रुपया बिल्डर और अन्य के खातों में ट्रांसफर किया था। कुछ साइबर हैकर और अपराधी इनके पीछे भी है। जो बाहर से इस गिरोह के जुड़े थे। उनके बारे में भी कुछ तथ्य पता चले हैं। जिनकी तलाश जारी है।