नई दिल्ली। जिस तारीख का देश को इंतजार था, उसका ऐलान हो गया है। देशभर में कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम 16 जनवरी यानी अगले शनिवार से शुरू होने जा रहा है। वैक्सीन के लिए हेल्थ वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स को तरजीह दी जाएगी, जिनकी संख्या 3 करोड़ है। इनके बाद 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 50 साल से कम उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। इस तरह करीब 27 करोड़ लोगों को टीका लगाया जाएगा।
वैक्सीन के दो डोज होंगे। इन्हें 28 दिन के अंतर से दिया जाएगा। सभी को दो डोज लगाने होंगे, तभी वैक्सीन शेड्यूल पूरा होगा। दूसरा डोज देने के दो हफ्ते बाद शरीर में कोरोना से बचाने वाली एंटीबॉडी बन जाएंगी। एंटीबॉडी यानी शरीर में मौजूद वह प्रोटीन, जो वायरस, बैक्टीरिया, फंगी और पैरासाइट्स के हमले को बेअसर कर देता है।
मोदी ने तैयारियां जानने के लिए मीटिंग की
देश में कोरोना की स्थिति की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हाई लेवल मीटिंग बुलाई थी। इसमें उन्होंने वैक्सीनेशन के लिए राज्यों की तैयारियों का जायजा भी लिया। बैठक में कैबिनेट सेक्रेटरी, प्रिंसिपल सेक्रेटरी, हेल्थ सेक्रेटरी और दूसरे सीनियर अफसर भी शामिल हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर देश को बधाई भी दी। लिखा, ”भारत कोविड-19 से लड़ाई में 16 जनवरी को एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाने जा रहा है। इस दिन से नेशनल लेवल पर वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू होगा। इसमें हमारे बहादुर डॉक्टरों, हेल्थकेयर वर्कर्स, सफाई कर्मचारियों सहित सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्राथमिकता दी जाएगी।”
देश में 2 वैक्सीन को मंजूरी मिली
- ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया यानी DCGI ने इमरजेंसी यूज के लिए दो वैक्सीन को मंजूरी दी है।
- पहली वैक्सीन कोवीशील्ड है, जिसे एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने मिलकर बनाया है।
- भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) कोवीशील्ड का प्रोडक्शन कर रही है।
- इसका जब हाफ डोज दिया गया तो इफिकेसी 90% रही। एक महीने बाद फुल डोज में इफिकेसी 62% रही।
- दोनों तरह के डोज में औसत इफिकेसी 70% रही। कोवीशील्ड के 5 करोड़ डोज तैयार हैं।
- दूसरी वैक्सीन कोवैक्सिन है। अभी इसके फेज-3 ट्रायल्स के नतीजे नहीं आए हैं। कोवैक्सिन को भारत बायोटेक बना रही है।
- इसके फेज-2 ट्रायल्स के नतीजों के मुताबिक, कोवैक्सिन की वजह से शरीर में बनी एंटीबॉडी 6 से 12 महीने तक कायम रहेंगी। कोवैक्सिन के 2 करोड़ डोज तैयार हैं।
वैक्सीन डिलीवरी के लिए 41 एयरपोर्ट्स की पहचान
इस समय देशभर में 41 डेस्टिनेशन (एयरपोर्ट्स) की पहचान की गई है, जहां वैक्सीन की डिलीवरी होगी। उत्तरी भारत में दिल्ली और करनाल को मिनी हब बनाया जाएगा। पूर्वी क्षेत्र में कोलकाता और गुवाहाटी को मिनी हब बनाया जाएगा। गुवाहाटी को पूरे नॉर्थ-ईस्ट के लिए नोडल पॉइंट बनाया है। चेन्नई और हैदराबाद दक्षिण भारत के लिए तय पॉइंट्स होंगे।
वैक्सीनेशन से जुड़े 7 बड़े सवाल और उनके जवाब…
1. क्या बिना रजिस्ट्रेशन के वैक्सीन लग सकेगी?
नहीं। ऐसा नहीं होगा। रजिस्ट्रेशन जरूरी है। जिस जगह पर वैक्सीन लगाई जाएगी, उसकी सूचना रजिस्ट्रेशन के बाद ही दी जाएगी। सरकार ने कोविन (Co-WIN) ऐप बनाया है, जो वैक्सीन की रियल-टाइम मॉनिटरिंग में टेक्निकल मदद करेगा। इस पर ही लोग रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे। कोई भी व्यक्ति Co-WIN से यूनिक हेल्थ आईडी क्रिएट कर सकता है और उसे DigiLocker में सेव कर सकता है।
2. रजिस्ट्रेशन के लिए किस तरह के दस्तावेज लगेंगे?
फोटो के साथ इन दस्तावेजों को रजिस्ट्रेशन के लिए पेश करना होगाः ड्राइविंग लाइसेंस, श्रम मंत्रालय की ओर से जारी किया गया हेल्थ इंश्योरेंस स्मार्ट कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, सांसद, विधायकों को जारी आईडी कार्ड, पैन कार्ड, बैंक/पोस्ट ऑफिस की पासबुक, पासपोर्ट, पेंशन डॉक्यूमेंट, केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कर्मचारियों के लिए जारी सर्विस आईडी और वोटर आईडी कार्ड।
3. मेरे पास फोटो आईडी नहीं हो तो क्या होगा?
रजिस्ट्रेशन और वैक्सीनेशन के वक्त फोटो ID पेश करना जरूरी होगा। इससे ही यह पता चलेगा कि सही व्यक्ति को वैक्सीन लगी है।
4. लोगों को वैक्सीनेशन की तारीख के बारे में सूचना कैसे मिलेगी?
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा चुके लोगों को SMS मिलेगा। उन्हें तय तारीख, जगह और वक्त की जानकारी दी जाएगी।
5. हर सेशन में कितने लोगों को वैक्सीन लगेगी?
शुरुआत में वैक्सीनेशन के हर सेशन में केवल 100 लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। वैक्सीन की उपलब्धता और इंतजाम बेहतर हुए तो ये संख्या 200 भी हो सकती है।
6. क्या वैक्सीनेशन होने पर स्टेटस की जानकारी मिलेगी?
हां। वैक्सीन लगने के बाद व्यक्ति को रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर SMS आएगा। सभी डोज लगाने के बाद QR-Code बेस्ड सर्टिफिकेट भी भेजा जाएगा।
7. अगर किसी व्यक्ति को कोरोना के लक्षण हैं या वह पॉजिटिव है तो क्या उसे वैक्सीन लगेगी?
नहीं। सरकार का कहना है कि ऐसे लोग वैक्सीनेशन साइट्स पर आकर इंफेक्शन फैला सकते हैं। पता नहीं ऐसी स्थिति में वैक्सीन कितनी असरदार रहेगी। एक्सपर्ट का मानना है कि जिन्हें इंफेक्शन हुआ है, उन्हें लक्षण खत्म होने के 14 दिन बाद वैक्सीनेशन करवाना चाहिए।