1971 की भारत-पाक जंग का 50वां साल शुरू: प्रधानमंत्री मोदी ने नेशनल वॉर मेमोरियल पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में हुई जंग में जीत के आज 49 साल पूरे हो गए। 50 साल शुरू हो गया है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली स्थित नेशनल वॉर मेमोरियल (NWM) पर स्वर्णिम विजय मशाल जलाई। यहां उनकी अगुआई रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत और सेना के तीनों अंगों के प्रमुख भी मौजूद रहे। सभी ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

पूरे देश में बुधवार से स्वर्णिम विजय वर्ष मनाया जा रहा है। शहीदों की याद में कई कार्यक्रम हो रहे हैं। इनमें 1971 की जंग में लड़े सैनिकों और शहीदों की विधवाओं का सम्मान किया जाएगा। इसके साथ ही बैंड डिस्प्ले, सेमिनार, प्रदर्शनी, फिल्म फेस्टिवल, कॉन्क्लेव और एडवेंचर एक्टिविटी भी होंगी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मौके पर स्वर्णिम विजय वर्ष का लोगो जारी किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मौके पर स्वर्णिम विजय वर्ष का लोगो जारी किया।

चार विजय मशाल जलाई गईं

प्रधानमंत्री ने नेशनल वॉर मेमोरियल की लौ से चार विजय मशाल जलाई। इन मशालों को देश के अलग-अलग हिस्सों में ले जाया जाएगा। ये मशालें 1971 के भारत-पाक युद्ध के परम वीर चक्र और महावीर चक्र विजेताओं के गांवों तक भी पहुंचेंगी। नेशनल वॉर मेमोरियल बनाते समय इन सभी वीरता पुरस्कार विजेताओं को सम्मान देने के लिए उनके गांवों की मिट्टी लाई गई थी।

नेशनल वॉर मेमोरियल पर एक मशाल लगातार जलती रहती है। इसी की लौ से बाकी चार मशालों को जलाया गया।
नेशनल वॉर मेमोरियल पर एक मशाल लगातार जलती रहती है। इसी की लौ से बाकी चार मशालों को जलाया गया।

1971 के भारत-पाक जंग में क्या हुआ था?

1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध का मुख्य कारण बांग्लादेश को आजाद कराना था। इस जंग में भारतीय सेना भी शामिल हुई थी। 13 दिन चली इस लड़ाई में पाक सेना को मुंह की खानी पड़ी। 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी जनरल एएके नियाजी ने अपने 90 हजार सैनिकों के साथ भारत और मुक्ति वाहिनी के सामने ढाका में आत्मसमर्पण कर दिया। इसके साथ ही बांग्लादेश पाकिस्तान से अलग हो गया था।

विजय दिवस के मौके पर नेशनल वॉर मेमोरियल पर सेना के जवानों ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
विजय दिवस के मौके पर नेशनल वॉर मेमोरियल पर सेना के जवानों ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

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