लखनऊ। अगर कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो दक्षिणी-पश्चिमी मानसून आगामी 20 जून तक पूर्वांचल (गोरखपुर या वाराणसी) के रास्ते उत्तर प्रदेश में दाखिल हो सकता है। मौसम निदेशक जे.पी.गुप्त के अनुसार पहली जून को मानसून के केरल पहुंचने के बाबत हालात अनुकूल बन रहे हैं। फिलहाल दक्षिणी-पश्चिमी मानसून अण्डमान निकोबार द्वीप समूह के साथ ही अरब सागर में सक्रिय है।
अगले 48 घंटे में इसके बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी इलाके में भी पहुंचने के पूरे आसार बन रहे हैं।एक प्रश्न के उत्तर में मौसम निदेशक श्री गुप्त ने कहा कि पहले दक्षिणी-पश्चिमी मानूसन के केरल पहुंचने की तारीख 4 या 5 जून बताई गई थी। मगर हाल के दिनों में जो मौसमी बदलाव हुए हैं उनकी वजह से अब केरल पहली जून को मानसून पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि अभी तो सामान्य स्थितियां हैं उनको देखते हुए यूपी में मानसून आगामी 20 जून तक पहुंच सकता है। अगले एक-दो दिन में ही इसके लखनऊ और आसपास में भी सक्रिय होने की उम्मीद बन रही है।
मौसम निदेशक ने बताया कि दक्षिणी पश्चिमी मानसून पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ़ व बिहार होते हुए उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल के रास्ते दाखिल होता है। मौसम विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले साल जून से सितम्बर के बीच प्रदेश में मानसून के दरम्यान 703.5 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई थी, जबकि प्रदेश में मानसून की सामान्य बारिश 829.9 मिमी होती है। इस तरह से देखें तो पिछले साल प्रदेश में सामान्य के मुकाबले 84.8 प्रतिशत कम बारिश हुई थी।
पिछले साल जून से सितंबर के बीच प्रदेश में सबसे अधिक 163.8 प्रतिशत बारिश पूर्वांचल में हुई थी। पूर्वांचल में मानसून की सामान्य बारिश 209.9 मिमी आंकी जाती है जबकि पिछले साल यहां 343.4 मिमी बारिश रिकार्ड की गई थी। बुन्देलखंड में 202 मिमी बारिश हुई थी, यहां मानसून की सामान्य बारिश 152.2 मिमी मानी जाती है।मध्य यूपी में 177.3 मिमी सामान्य बारिश मानी जाती है जबकि यहां पिछले साल 191.8 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। पश्चिमी यूपी में सबसे कम 60.6 प्रतिशत बारिश हुई थी। इस अंचल में सामान्य बारिश का आंकड़ा 152.2 मिमी का है जबकि यहां पिछले साल 92.2 मिमी बारिश हुई थी।