20 राज्यों में भारी बारिश, कहीं बाढ़-कहीं लैंडस्लाइड, 8 की मौत

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी इलाकों से मायानगरी मुंबई तक मानसून झमाझम बरस रहा है। माैसम विभाग के अनुसार, दो दिन से देश के 20 से अधिक राज्यों में बारिश हो रही है। दो दिन से हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और महाराष्ट्र के कई इलाकों में भारी बारिश हुई है। इससे पहाड़ी राज्यों में कई जगह बाढ़ और लैंडस्लाइड से हादसे हुए हैं।

बुधवार को हिमाचल के कुल्लू व शिमला में बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन से 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि 5 लोग लापता हैं। वहीं, राजस्थान में बिजली गिरने से बूंदी में 2, बारां में 2 और भरतपुर में एक की मौत हो गई। यहां कई जिलों में अलर्ट है।

उफनती नदी के बीच ITBP का रेस्क्यू ऑपरेशन
बुधवार को हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में चंडीगढ़-मनाली NH पर बबेली के पास एक अल्टो कार ब्यास नदी में जा गिरी थी। इसमें 2 लोगों के बह जाने की खबर थी। चालक घायल हो गया था, जिसे क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में उपचार के लिए भर्ती करवाया गया। गुरुवार को ITBP के जवान दोनों लापता लोगों को ढूंढने के लिए उफनती नदी में उतरे।

ब्यास नदी में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाते ITBP के जवान।
ब्यास नदी में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाते ITBP के जवान।

कर्नाटक के पंजकाल गांव में लैंडस्लाइड
कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में लैंडस्लाइड होने से 3 लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि भारी बारिश के बाद पंजकाल गांव में भूस्खलन हुआ था। एक की मौके पर ही मौत हो गई। तीन लोगों को रेस्क्यू किया गया था। इनमें से 2 ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मौसम विभाग ने तटीय कर्नाटक के जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इसके चलते यहां के सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया गया है।

पंजकाल गांव में लैंडस्लाइड के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन के समय की तस्वीर।
पंजकाल गांव में लैंडस्लाइड के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन के समय की तस्वीर।

मध्य प्रदेश में भारी बारिश
भोपाल में गुरुवार सुबह से बारिश हो रही है। गुरुवार को इंदौर, जबलपुर और उज्जैन में भी बारिश के आसार हैं। MP के मध्य में लो प्रेशर एरिया बनने से भारी बारिश हो रही है। ग्वालियर-चंबल में बुधवार को गर्मी, उमस और फिर झमाझम बारिश के बीच कई जगह बिजली गिरी। इसमें 8 लोगों की मौत हो गई और 4 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सबसे ज्यादा मौत श्योपुर में हुईं। छतरपुर में भी मां-बेटे सहित तीन की जान गई।

भोपाल शहर में धूप निकलने, बादल छाने और फुहारें पड़ने का सिलसिला बरकरार है। बुधवार को भी शहर के कई हिस्सों में हल्की बारिश हुई। शाम 5:30 बजे तक 1.3 मिमी बारिश दर्ज की गई। दूसरे दिन बड़े तालाब का लेवल 0.10 फीट बढ़कर 1659.70 फीट पर पहुंच गया।

उज्जैन में शिप्रा नदी उफान पर है।
उज्जैन में शिप्रा नदी उफान पर है।

महाराष्ट्र के कई इलाकों में रेड अलर्ट
मुंबई, ठाणे और नवी मुंबई के अधिकांश हिस्सों में बुधवार शाम से ही भारी बारिश जारी है। यहां 1 जून से सीजन की कुल बारिश 958 मिमी मिमी दर्ज की गई। जो कि कुल बारिश 2,205 मिमी का 43% है। यहां के सतारा जिले में प्रतापगढ़ किले के पास आज रात भर हुई भारी बारिश के बाद लैंडस्लाइड हुआ। वहीं, दादर और सायन के इलाकों में जलभराव देखा गया।

मुंबई के अंधेरी में भारी बारिश के बाद जलमग्न एक सबवे। यहां गुरुवार सुबह से लगातार बारिश हो रही है।

महाराष्ट्र के कोंकण और पश्चिमी इलाकों में भारी बारिश की वजह से जलभराव और लैंडस्लाइड की घटनाएं हो रही हैं। यहां आपात स्थितियों से निपटने के लिए NDRF की 17 टीमें तैनात की गई हैं। रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग क्षेत्र 9 जुलाई तक रेड अलर्ट पर हैं। पुणे, कोल्हापुर और सतारा 8 जुलाई तक रेड अलर्ट पर हैं, जबकि मुंबई और ठाणे 10 जुलाई तक ऑरेंज अलर्ट पर हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अधिकारियों को प्रभावित लोगों को सुरक्षित जगह पर ले जाने के निर्देश दिए हैं।

रविवार को मौसम विभाग (IMD) ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया था, जिसके बाद NDRF ने 7 टीमों को मुंबई में और 5-5 टीमों को रत्नागिरी और रायगढ़ जिलों में तैनात किया था।
रविवार को मौसम विभाग (IMD) ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया था, जिसके बाद NDRF ने 7 टीमों को मुंबई में और 5-5 टीमों को रत्नागिरी और रायगढ़ जिलों में तैनात किया था।

उत्तर प्रदेश में बारिश के लिए करना होगा इंतजार
यूपी में मानसून की रफ्तार सुस्त हो गई है। बीते 24 घंटे में महज झांसी, मेरठ और वाराणसी में बूंदाबांदी हुई है। अच्छी बारिश के लिए लोगों को तीन से चार दिन और इंतजार करना पड़ेगा। उमस और गर्मी बढ़ेगी। मौसम विभाग ने 9-10 जुलाई को तेज बारिश की संभावना जताई है।

मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक जेपी गुप्ता ने बताया कि मानसून मध्य प्रदेश, राजस्थान और उड़ीसा से होकर गुजर रहा है। इस कारण यूपी में बारिश नहीं हो रही है। बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाएं यूपी में प्रवेश नहीं कर पा रही हैं। ये स्थिति 10 जुलाई तक बनी रह सकती है।

हिमाचल और उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी
कुल्लू के मणिकर्ण में कई इलाकों में पानी भर गया। मौसम विभाग ने हिमाचल और उत्तराखंड के कुछ स्थानों पर अगले 24 घंटों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। कुल्लू के मलाणा प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंचा है। यहां 25-30 लोग बाढ़ में फंस गए, जिन्हें निकाला गया। उत्तराखंड में भूस्खलन के बाद बद्रीनाथ, केदारनाथ धाम की यात्रा रोकनी पड़ी है। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, हरिद्वार, देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल और अल्मोड़ा ज़िलों में आंधी के साथ तेज बारिश होने की संभावना है।

कुल्लू जिले की मणिकरण घाटी में बुधवार को बादल फटने के बाद बाढ़ वाले इलाके को पार करते लोग। यहां भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ की अलग-अलग घटनाओं में 7 लोगों के मारे जाने की आशंका है।
कुल्लू जिले की मणिकरण घाटी में बुधवार को बादल फटने के बाद बाढ़ वाले इलाके को पार करते लोग। यहां भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ की अलग-अलग घटनाओं में 7 लोगों के मारे जाने की आशंका है।

गुजरात में कम दबाव का क्षेत्र, मुंबई में ऑरेंज अलर्ट
मौसम विभाग ने बताया, गुजरात में कच्छ के पास कम दबाव का क्षेत्र बना है। ओडिशा के पास भी साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना है, उत्तर में पंजाब के पास बादलों का घना घेरा है। इससे तेज बारिश हाे रही है। मुंबई में 4 दिन के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। महाराष्ट्र के मुंबई समेत कई जिलाें में हालात बदतर हैं। पालघर में पुल डूबा, 12 गांव बाढ़ में डूबे।

नेपाल सीमा पर पुराना पुल दरका
पिथौरागढ़ में भारत-नेपाल सीमा पर 200 साल पुराने पुल में दरार से आवाजाही रोक दी गई। 1830 में बना 40 मीटर लंबा पुल नेपाल जाने का प्रमुख रास्ता है।

6 जुलाई तक जितनी बारिश चाहिए, हो चुकी

  • 6 जुलाई तक 213.3 मिमी बारिश होनी थी, बुधवार दोपहर तक 213 मिमी बारिश हो चुकी।
  • 36 में 15 दिन ऐसे रहे, जब सामान्य से ज्यादा पानी बरसा।
  • सामान्य से अधिक बारिश का पहला दौर 15 जून से 22 जून (8 दिन) तक चला।
  • अधिक बारिश का दूसरा दौर 30 जून से शुरू हुआ, लगातार सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज।

फिर भी 30 जलाशयों में पानी दशक में सबसे कम
जून में कम बारिश के कारण देश में 30 से अधिक बड़े जलाशयों में पिछले साल की तुलना में न केवल कम पानी है, बल्कि 10 वर्षों के औसत की तुलना में कम है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, 30 जून तक संग्रहण 48.951 बिलियन क्यूबिक मीटर था, जो पिछले वर्ष का 86% और 10 वर्षों का 118% है। छह जलाश्यों में ताे अभी पानी आया ही नहीं है।

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