2020 : आईएमए, वर्ल्ड बैंक, एडीबी, पीएम केयर भी…2021…अस्पताल/आईसीयू/आक्सीजन.?’

नई दिल्ली। कोरोना एक बार फिर देश के कई राज्यों में कहर बरपा रहा है। लखनऊ, दिल्ली-एनसीआर, महाराष्ट्र, भोपाल, प्रयागराज नागपुर और सूरत जैसे तमाम शहरों में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इन शहरों में स्वास्थ्य व्यवस्था बिल्कुल चरमरा गई है। स्वास्थ्य सेवाओं पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। इस सबके बीच वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी ने कोरोना के बहाने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए पीएम केयर्स फंड पर सवाल उठाया है।

वरिष्ठ पत्रकार ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा है, ‘कोविड 2020 : आईएमएफ ने कुछ दिया, वर्ल्ड बैंक ने भी कुछ दिया, एडीबी ने भी कुछ दिया, पीएम केयर भी…2021…अस्पताल/आईसीयू/आक्सीजन.?’

बाजपेयी के इस सवाल पर तमाम यूजर्स भी प्रतिक्रिया देने लगे। कई यूजर केंद्र सरकार की कार्यशैली और मंशा पर भी सवाल उठाते दिखे। अधिकांश यूजर्स ने कोरोना संक्रमित मामले की बढ़ती संख्या के बीच चुनावी रैलियों पर अपना गुस्सा जाहिर किया।

ट्विटर पर एक यूजर ने कहा- काश भाजपा सरकार ने अपना काम ढंग से किया होता तो आज देश बच जाता। आज भी सरकार कोरोना के प्रति गंभीर नहीं है। आज भी बंगाल में चुनावी रैली हो रही है। ?कोई इतना असंवेदनशील कैसे हो सकता है?

राम कृपाल नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा है- पूरे देश को भाजपा ने कटोरा पकड़ा दिया और क्या चाहिए साहब?

श्रवण नाम के यूजर ने लिखा है, -आप जो बता रहे हैं वो सारा पैसा तो पार्टी फंड में गया। बंगाल में इलेक्शन जो हो रहे हैं। डीव नाम के अकाउंट से कमेंट आया- हिसाब मत मांगिए, इसीलिए तो आरटीआई से बाहर रखा है हमने।

वहीं शिव सागर नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा है- आज देश बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहा है। महामारी का विकराल रूप खौफ की दास्तां लिख रहा है। जरूरी इलाज ना मिलने के कारण सैकड़ों जानें जा रही हैं। ऐसे संकटकाल में भी अपना घर बार छोड़ आंदोलन कर रहे किसानों का दर्द कब समझेगी सरकार? अब जिद छोडि़ए, उन्हें उनका हक और उनको घर लौटा दीजिए।

एक खान नाम के यूजर ने कहा- कोरोना एक पर्दा भी हैं। इस में महंगाई, बेरोजगारी, राफेल, दलाली, मुद्रास्फीति, कृषि कानून आदि जैसे मुद्दों पर पर्दा डाल कर रखा गया है।

दूसरे यूजर आनंद ने ट्विटर पर लिखा है,- अरे वो 20 लाख करोड़ भी तो थे पता नहीं कब आए और चले भी गए। रोज शाम को 4 बजे वित्त मंत्री बांटने के लिए आती थीं। एक साल पहले, किसी को मिला हो तो बता दो?

एक और इंटरनल मामला नाम के अकाउंट से लिखा गया है,- ये सब तो सिर्फ एमएलए खरीदने में ही खर्च हो जाएगा। अब आपको अस्पताल, ऑक्सीजन कहां से देंगे। आपको सोचना चाहिए कि सरकार बनाना ज्यादा जरूरी है या ये सब।

रवि नाम के यूजर ने लिखा है- कोरोना संक्रमण में मृत्यु दर के मामले में अब बंगाल तीसरे स्थान पर है। बधाई हो प्रधानमंत्री जी। तो वहीं अजय नाम के यूजर बोले- बंगाल और बिहार चुनाव की भेंट चढ़ गए।

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