नई दिल्ली। महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार है। हालांकि, यह गठबंध कितने समय तक चलेगा इसपर अब तक अस्पष्टता है। गठबंधन में सबसे अहम भूमिका निभा रही एनसीपी ने कहा है कि महा विकास अघाडी (एमवीए) के तीनों घटक महाराष्ट्र सरकार चलाने के मुद्दे पर एकजुट हैं लेकिन वर्ष 2024 में होने वाले राज्य विधानसभा और लोकसभा के चुनाव साथ लड़ने पर अबतक फैसला नहीं हुआ है।
राकांपा के प्रवक्ता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने यह टिप्पणी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के उस बयान के एक दिन बाद की है जिसमें उन्होंने कहा था कि अगले विधानसभा सभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी।
बता दें कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना के नेतृत्व में एमवीए की सरकार बनी थी जिसमें राकांपा और कांग्रेस साझेदार हैं। मलिक ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि एमवीए का गठन न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) के आधार पर हुआ है और उसने जनहित में कई फैसले लिए हैं। उन्होंने दावा किया कि सरकार के प्रदर्शन से आम आदमी संतुष्ट है फिर चाहे वह किसान का मुद्दा हो या कोविड-19 महामारी का प्रबंधन।
मलिक ने कहा, ‘प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि उनकी पार्टी अगला चुनाव अकेले लड़ेगी। वह मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखते हैं। कोई भी किसी को किसी पद की इच्छा रखने से रोक नहीं सकता। प्रत्येक पार्टी को अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने और संगठन को मजबूत करने के लिए काम करना पड़ता है।’
उन्होंने कहा कि आगामी स्थानीय निकाय चुनाव तीनों पार्टियां एक साथ या अकेले-अकेले भी लड़ सकती है। तीन में से दो पार्टियां भी गठबंधन कर सकती हैं। फैसला स्थिति के अनुरूप लिया जाएगा।
मलिक ने कहा, ‘सरकार में तीनों पार्टियां लोगों के कल्याण के लिए एकजुट होकर काम कर रही हैं और अबतक यह फैसला नहीं हुआ है कि वर्ष 2024 का चुनाव कैसे लड़ा जाएगा।
गौरतलब है कि शनिवार को पटोले ने अमरावती में कहा था कि वर्ष 2024 के चुनाव में कांग्रेस राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी और केवल कांग्रेस की विचारधारा ही देश को बचा सकती है। इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नसीम खान ने कहा कि अगर उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ती है तो उसे इसका फायदा होगा।