रमजान: कुलचा निहारी, टुंडे कवाब जैसे जायकों से महरूम है लखनऊ

शबाहत हुसैन विजेता

लखनऊ। रमज़ान का आधा सफ़र खत्म हो गया. मस्जिदों से अज़ान की आवाज़ तो रोजाना आती है लेकिन घरों पर इफ्तारी भेजने का कल्चर इस बार ब्रेक हो गया है. इफ्तार पार्टियाँ नहीं हो रहीं क्योंकि फिजिकल डिस्टेंसिंग को भी कायम रखना है. लखनऊ के इतिहास में शायद यह पहला मौका होगा कि टुंडे कवाबी की दुकान में ताला लटका है. रहीम की बिरयानी की दुकान बंद है. कुल्चा-नहारी की खुश्बू से अकबरी गेट महरूम है.

कोरोना शुरू हुआ था तो यह अफवाह भी शुरू हुई थी कि मुर्गे के ज़रिये भी यह फैल सकता है. नतीजा यह हुआ कि लोगों ने मुर्गा खरीदना बंद कर दिया. बिकना बंद हुआ तो दाम गिरने लगे. 170 रुपये से घटते-घटते मुर्गा 50 रुपये किलो तक पहुँच गया. इसके बावजूद मुर्गे की दुकानों पर सन्नाटा था. खबरें सुनने में आयीं कि मनपसंद मुर्गा छांट लो और 20 रुपये में ले जाओ. कई जगहों पर ट्रकों में भरकर मुर्गे और अंडे खेतों में पलट दिए गए.

लॉक डाउन आया तो सब कुछ बंद हो गया. गोश्त की दुकानें भी बंद हो गईं. गोश्त की दुकानों को लेकर हालांकि अलग से कोई एडवायजरी जारी नहीं हुई लेकिन लोग यह कहते सुनाई दिए कि गोश्त की बिक्री रोक दी गई है. बिक्री हर चीज़ की बंद थी. चाय के होटल तक बंद थे लेकिन गोश्त बंद किया गया है की सोच ने गोश्त की तलाश शुरू करवा दी.

50 रुपये किलो का जो मुर्गा कोई खरीदने को तैयार नहीं था उसका दाम दो सौ के पार पहुँच गया. काकोरी और मलिहाबाद से लोग ढाई सौ रुपये किलो का मुर्गा खरीदकर लाये हैं.

 

सरकार ने शराब की दुकानें खोलने का एलान किया तो गोश्त के शौकीनों की ज़बान भी कुलबुलाने लगी. पुराने लखनऊ की गलियों में मुर्गा तलाशने के लिए नए लखनऊ के लोग भी आने लगे. चोरी-चोरी कई जगह पर गोश्त बेचे जाने की बात भी सामने आयी लेकिन न तो आम आदमी को गोश्त नसीब हुआ और न ही उन लोगों को दुकान खुलने का ही इंतज़ार कर रहे हैं.

शराब की दुकानें खुलने के बाद मशहूर शायर मुनव्वर राना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ट्वीट किया कि योगी जी, शराब पीने वालों को शराब पिलवाइए लेकिन हम लोगों को भी गोश्त खाने दीजिये, कम से कम इन्साफ का दामन न छोड़ो हाथ से, मैं नहीं कहता कि तुम मेरी तरफदारी करो.

 

मुनव्वर राना का यह ट्वीट वास्तव में गोश्त के शौक़ीन सभी लोगों का प्रतिनिधित्व करता है. इस ट्वीट में टुंडे कवाबी, रहीम की बिरयानी, कुल्चा-नहारी की बंद दुकानों का दर्द भी शामिल है. इस ट्वीट में अकबरी गेट पर रमज़ान में फैली रहने वाली वह खुश्बू भी शामिल है जो न सिर्फ लखनऊ बल्कि मुम्बई जैसे शहरों के शौकीनों को भी लखनऊ की तरफ खींच लाती थीं.

गोश्त के शौकीनों की खुशी की खातिर ही शहर काज़ी मौलाना खालिद रशीद फरंगीमहली ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खत लिखा होगा. मुनव्वर राना ने 5 मई को ट्वीट किया था तो खालिद रशीद ने 8 मई को अपने सेक्रेटरी से खत लिखवाया.

रमज़ान आधा गुज़र चुका है. पन्द्रह दिन बाद ईद है. यह ईद हालांकि सिवइयों वाली ईद है लेकिन उन लोगों के लिए गोश्त भी बनता है जो मिठास से ज्यादा गोश्त पसंद करते हैं. गोश्त उन दोस्तों के लिए बनता है जो ईद की मुबारकबाद देने बहुत दूर से आते हैं.

एक अधिकारी ने आज सोशल मीडिया पर टिप्पणी की कि मुर्गा तो शराब का सबसे सच्चा दोस्त होता है. खाली शराब पिलाओगे तो मुर्गा गुस्साएगा नहीं क्या….?

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