मुरादाबाद में 7 फरवरी को छेड़खानी का विरोध करने पर 6 छात्राओं को कार से उड़ाने वालों में पीलीभीत में तैनात एक दरोगा का बेटा भी शामिल था। जिस कार से छात्राओं को उड़ाया गया, उस कार को भी दरोगा का बेटा ही लेकर आया था। लेकिन मामला विभाग का है, इसलिए सिविल लाइंस पुलिस दरोगा के बेटे को पकड़ने में हीलाहवाली कर रही है।
सूत्रों का कहना है कि सिविल लाइंस पुलिस दरोगा के बेटे को हाईकोर्ट से अरेस्ट स्टे लेने या कोर्ट में सरेंडर का सैफ पैसेज देने की फिराक में है। इस घटना में घायल हुई 6 में से 2 छात्राएं घटना के 12 दिन बाद भी ICU में एडमिट हैं।
छेड़खानी के विरोध पर छात्राओं पर कार चढ़ाने की इस घटना को मुरादाबाद के SSP सतपाल अंतिल ने बेहद गंभीरता से लिया है। बावजूद इसके सिविल लाइंस पुलिस मामले में फरार चल रहे 2 मुख्य आरोपियों को अरेस्ट नहीं कर पाई है। घटना को 12 दिन बीतने के बाद भी घटना में शामिल दरोगा दरोगा अमरीश बाबू का बेटा दिव्यांशु और रेलवे के बड़े ठेकेदार पुरुषोत्तम का बेटा यश सिरोही अभी तक अरेस्ट नहीं हुए हैं। दरोगा अमरीश बाबू की तैनाती इन दिनों पीलीभीत में है।
एसएसपी सतपाल अंतिल सिविल लाइंस एसएचओ मनीष सक्सेना को दोनों आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी करने के निर्देश दे चुके हैं। कप्तान ने गिरफ्तारी में देरी होने पर सिविल लाइंस एचएचओ को फटकार भी लगाई है। दरअसल ये दो गिरफ्तारियां नहीं होने से सिविल लाइंस पुलिस की इस मामले में मंशा पर सवाल उठ रहे हैं।
पहले एक नजर में मामला…
सिविल लाइंस में रामगंगा विहार हाईस्ट्रीट एरिया में आनंदम कालोनी के सामने 7 फरवरी को बलेनो सवार 5 लड़कों ने 6 स्कूली छात्राओं को कुचल दिया था। कार की स्पीड 100 से भी ज्यादा थी। घटना का सीसीटीवी भी सामने आया था। CCTV में दिख रहा है कि हादसे में छात्राएं कई मीटर तक हवा में उछलकर सड़क पर गिरीं।
इनमें से एक बोनट पर काफी दूर तक घिसटती गई। राहगीरों ने कार को दौड़कर रोका। तभी 4 युवक कार से उतरकर भाग गए। कार चला रहे युवक को लोगों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। एक आरोपी के पिता बड़े कपड़ा कारोबारी हैं। दूसरे का पिता पुलिस में दरोगा और तीसरे का पिता रेलवे का बड़ा कांट्रेक्टर है।
सभी 6 छात्राएं घायल हैं। इनमें से 5 को शहर के हरिद्वार हाईवे स्थित विवेकानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 2 छात्राएं सीरियस हेड इंजरी की वजह से ICU में एडमिट की गई थीं। इनमें से एक को नाजुक हालत में दिल्ली रेफर कर दिया गया था। पुलिस ने एक छात्रा के पिता की तहरीर पर कार सवार 5 युवकों के खिलाफ छेड़खानी और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था। बाद में इसमें पॉक्सो एक्ट भी बढ़ा दिया गया था।
स्कूल से बोर्ड एग्जाम के एंट्री कार्ड लेकर लौट रही थीं छात्राएं
बता दें कि मुरादाबाद के सिविल लाइंस में हाईस्ट्रीट एरिया में ये घटना 7 फरवरी की दोपहरी में हुई थी। शहर के शिरडी साईं पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाली 12वीं की 6 छात्राओं का ग्रुप घटना वाले दिन बोर्ड एग्जाम के एडमिट कार्ड लेकर स्कूल से निकला था। ये सभी छात्राएं स्क्रिबल डे मनाने के लिए हाईस्ट्रीट पहुंची थीं। इसी दौरान कार सवार युवकों के ग्रुप ने इनसे छेड़खानी शुरू कर दी। विरोध करने और पुलिस से शिकायत करने की धमकी देने पर कार सवार युवकों ने छात्राओं के ऊपर 100 की स्पीड से कार चढ़ा दी थी।
3 को पुलिस ने जेल भेजा, 2 अभी तक फरार
रोंगटे खड़ा कर देने वाली इस वारदात को 5 युवकों ने अंजाम दिया। इनमें शहर के बड़े कपड़ा कारोबारी का बेटा लक्ष्य परेजा भी शामिल था। पुलिस ने मौके से शगुन सिंह को पकड़ा था। भीड़ ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले किया था। इसके बाद पुलिस ने लक्ष्य परेजा और उदय को भी अरेस्ट कर लिया था। लेकिन इस वारदात में शामिल यश सिरोही और दिव्यांशु अभी तक फरार हैं। दिव्यांशु के पिता पुलिस में दरोगा हैं। जबकि यश सिरोही के पिता रेलवे के बड़े ठेकेदार हैं। घटना के 12 दिन बीतने के बाद भी सिविल लाइंस पुलिस इन दोनों को अरेस्ट नहीं कर सकी है। इस बीच एसएसपी सतपाल अंतिल ने एसएचओ सिविल लाइंस को दोनों की अरेस्टिंग के लिए अल्टीमेटम दिया है।
अब पढ़िए आरोपियों की प्रोफाइल
- लक्ष्य परेजा शहर के बड़े कपड़ा कारोबारी का बेटा है। CA की तैयारी कर रहा है। आर्यभट्ट में कोचिंग कर रहा है।
- उदय सिंचाई विभाग के अवर अभियंता का बेटा है। मुरादाबाद के कांठ में डायमंड स्कूल से 12वीं का छात्र है। स्कॉलर्स डेन कोचिंग से NEET की तैयारी कर रहा है।
- शगुन सिंह एक एक्सपोर्ट फैक्ट्री के मैनेजर का बेटा है। प्राइवेट 12वीं की पढ़ाई कर रहा है। घटना के समय शगुन ही कार चला रहा था।
- दिव्यांशु के पिता अमरीश बाबू पुलिस विभाग में दरोगा हैं और इन दिनों पीलीभीत में तैनात हैं।
- यश सिरोही के पिता रेलवे के बड़े ठेकेदार हैं।