नई दिल्ली। दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने अब बहुमत परीक्षण का दांव चल दिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को विधानसभा में विश्वासमत का प्रस्ताव रखा जिसे सोमवार को सदन में पेश किया जाएगा। इसके लिए विशेष सत्र को एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया है। केजरीवाल ने कहा कि वह कॉन्फिडेंस मोशन से जनता को दिखाना चाहते हैं कि दिल्ली में ‘ऑपरेशन लोटस’ ऑपरेशन कीचड़ हो गया है।
उन्होंने एक बार फिर भाजपा पर उनकी सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया और कहा कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अलावा 12 विधायकों से संपर्क किया जा चुका है। उन्हें 20-20 करोड़ रुपए का लालच दिया जा रहा है।
केजरीवाल ने कहा, ”पिछले कुछ दिनों से यह चल रहा है कि इन्होंने इतने विधायक तोड़ लिए, इतने विधायक तोड़ लिए। मेरे पास फोन भी आ रहे हैं कई लोगों से, कि सब ठीक है ना, कितने गए? मैं इस सदन के अंदर कॉन्फिडेंस मोशन लाना चाहता हूं, दिल्ली की जनता को दिखाने के लिए कि उन्होंने जिन लोगों को चुना है, एक-एक हीरा है।
ये मर जाएंगे, कट जाएंगे लेकिन टूटने वाले नहीं हैं। एक भी आदमी नहीं टूटा। कॉन्फिडेंस मोशन लाना चाहता हूं ताकि जनता के सामने यह साबित हो जाए कि बीजेपी का ऑपेरशन लोटस दिल्ली में आकर ऑपरेशन कीचड़ बन गया।”
इससे पहले गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर पार्टी के सभी विधायकों की बैठक बुलाई थी, जिसमें 53 विधायक मौजूद रहे थे। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत 8 विधायक दिल्ली से बाहर होने की वजह से नहीं आ पाए तो स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन जेल में होने की वजह से नहीं आ पाए।
हालांकि, बैठक से पहले आप सूत्रों ने कहा था कि पार्टी के कुछ विधायकों से संपर्क नहीं बन पा रहा है। आप के कुछ नेताओं ने भी इसे माना और भरोसा जताया कि बैठक में सभी पहुंच जाएंगे। मीटिंग के बाद प्रवक्ता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जो विधायक नहीं आ पाए हैं, उनसे सीएम की फोन पर बात हुई और सभी ने कहा कि वह आखिरी सांस तक साथ हैं।
क्या है विधानसभा का गणित और क्यों केजरीवाल ने चला यह दांव
70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में ‘आप’ के 62 विधायक हैं, जबकि भाजपा के 8 विधायक हैं। सत्येंद्र जैन अभी जेल में हैं और स्पीकर रामनिवास गोयल देश से बाहर बताए जा रहे हैं। सदन में सोमवार को 60 विधायक मौजूद रह सकते हैं, जोकि बहुमत के आंकड़े से बहुत अधिक है।
इस लिहाज से देखा जाए तो ना तो सरकार पर कोई संकट है और ना ही सरकार के अल्पमत में होने का किसी को शक है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, केजरीवाल विश्वास मत के जरिए अपनी सरकार की मजबूती का संदेश देना चाहते हैं। भाजपा पर ऑपरेशन लोटस का आरोप लगा रही आप यह दिखाना चाहती है कि उपमुख्यमंत्री पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद विधायकों का भरोसा केजरीवाल के नेतृत्व में कायम है।