नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (7 मार्च) को जनऔषधि दिवस के मौके पर शिलॉन्ग में 7500वां जनऔषधि केंद्र राष्ट्र को समर्पित किया। वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि लोगों को पैसों की कमी की वजह से दवाई खरीदने में दिक्कत ना आए, इसलिए जनऔषधि योजना की शुरुआत की गई थी।
उन्होंने कहा कि जनऔषिध केंद्र से गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को मदद मिल रही है। लोग मोदी की दुकान से सस्ती दवाएं खरीद रहे हैं। साथ ही इससे युवाओं को रोजगार का अवसर भी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जनऔषधि केंद्र से माताओं और बहनों को भी सैनेटरी नैपकिन जैसी चीजें आसानी से मिल रही हैं। यह महिलाओं की आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। लाभार्थियों से बातचीत के बाद पीएम मोदी ने जनऔषधि परियोजनों से जुड़े लोगों के उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित भी किया।
भारत दुनिया की फार्मेसी : मोदी
मोदी ने कहा कि भारत दुनिया की फार्मेसी के रूप में खुद को साबित कर चुका है। हमने वैक्सीन बनाई। मेड इन इंडिया वैक्सीन सिर्फ भारत के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया के लिए भी है। उन्होंने कहा कि हम दुनिया में सबसे सस्ती वैक्सीन दे रहे हैं। प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन के दाम महज 250 रुपए हैं।
उन्होंने कहा कि 2014 के बाद एमबीबीएस सीटें बढ़ाई गई हैं। देशवासी मेरे परिवार हैं, आप लोग बीमार होंगे तो इसका मतलब है कि मेरा परिवार बीमार है। इसलिए आप लोगों के लिए सरकार हमेशा बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने की कोशिश करेगी।
हम मरीजों से कहते थे कि आप मेडिसिन नहीं, मोदीसिन ला रहे हो
इससे पहले PM मोदी ने कुछ लाभार्थियों से बात भी की। इस दौरान अहमदाबाद में जनऔषधि की टीम के राजूभाई ने कहा कि कोरोना के वक्त मेरे पिताजी की डेथ हो गई। तब मैंने सोचा कि किसी और के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए। महामारी में जनऔषधि मित्रों ने घर-घर जाकर बीपी और डायबिटीज के पेशेंट को दवाइयां पहुंचाईं।
लॉकडाउन बढ़ता गया, तो मरीजों की संख्या कम होने लगी। हमने 8 से 10 हजार मरीजों को दवा पहुंचाई है। हमारे पास ढाई सौ लोगों की टीम है। हम मरीजों से कहते थे कि आप मेडिसिन नहीं, मोदीजी की दुकान से मोदीसिन ला रहे हो। लोग हमसे कहते थे कि आप हनुमानजी के सेवक हो और हमारे लिए संजीवनी लेकर आ रहे हैं।
आपकी बातें युवाओं को प्रेरित कर रही : मोदी
मोदी ने राजूभाई से कहा, “मैं आपको और आपके सभी नौजवानों को बधाई देता हूं। ये बातें सिर्फ मुझे ही प्रभावित और प्रेरित नहीं कर रही है, ये देश के सभी युवाओं को प्रेरित कर रही हैं। आपने कोरोना के संकट में अपने पिताजी को खोया और उसमें से आपने समाज के लिए कुछ करने का संकल्प लिया। आपने ढाई सौ साथी बना लिए और घर-घर जनऔषधि पहुंचा रहे हैं। आप जिंदगियां बचा रहे हैं और उत्तम काम कर रहे हैं।
आपने साबित कर दिया है कि हमारे देश के नौजवानों को सही रास्ता दिखाया जाए तो वे अपना जीवन खपा देते हैं। आपको एक छोटा काम बताऊंगा। जो सरकार के वैक्सीनेशन सेंटर हैं, वहां अपने साथियों की ड्यूटी लगाएं। बुजुर्ग लोगों का वैक्सीनेशन हो जाए, उनका फॉर्म भर जाए, उनके बैठने की व्यवस्था हो जाए। आपको इससे बहुत आशीर्वाद मिलेगा।’
दीव के इरशाद अहमद ने भी बात की
इसके बाद दीव के इरशाद अहमद रफीकजी ने मोदी से बात की। उन्होंने कहा, “मेरा सपना मेडिकल स्टोर खोलने का था और चाहता था कि सेवा भी कर सकूं। जनऔषधि केंद्र के माध्यम से ये हुआ। तीन महीनों में मेरी आमदनी तीन गुना हो चुकी है। एक महीने में 1500 तक लोगों को फायदा पहुंचा है।’ इस पर मोदी बोले कि आपने अच्छा काम किया है। आपने सेवाभाव से ये काम किया है। आप मेरे सहयोगी बन गए हैं।