76 दिन बाद दिल्ली को आज मेयर मिलेगा, 3 बार टल चुका चुनाव

नई दिल्ली। दिल्ली को 76 दिन बाद बुधवार को नया मेयर मिलेगा। चुनाव सुबह 11 बजे से शुरू होगा। पिछले साल 8 दिसंबर को दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनाव के नतीजे आए थे। इसमें AAP ने सबसे ज्यादा सीटें जीती थीं। मेयर के साथ डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के छह सदस्यों के लिए 6 जनवरी, 24 जनवरी और 6 फरवरी को 3 बार कोशिशें हुईं, लेकिन हर बार भाजपा और AAP के हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित हो गई। सदन में धक्का-मुक्की, कुर्सियां फेंकी गईं।

हंगामे की वजह LG वीके सक्सेना की ओर से मनोनीत 10 MCD सदस्यों को वोट देने की अनुमति के फैसला था। इसे लेकर AAP की मेयर प्रत्याशी शैली ओबेरॉय सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थीं। इसमें मनोनीत पार्षदों को मेयर चुनाव में वोटिंग राइट देने के फैसले को चुनौती दी गई। 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने AAP के पक्ष में फैसला सुनाया था। 24 घंटों के अंदर नोटिस जारी करने के लिए कहा था।

24 जनवरी और 6 फरवरी को MCD हेडक्वार्टर में AAP और BJP के सदस्यों ने हंगामा किया था। इस कारण चुनाव नहीं हो पाए थे।
24 जनवरी और 6 फरवरी को MCD हेडक्वार्टर में AAP और BJP के सदस्यों ने हंगामा किया था। इस कारण चुनाव नहीं हो पाए थे।

तीन बैठकों में AAP-BJP का हंगामा

  • 6 जनवरी: MCD मुख्यालय में AAP और BJP के सदस्य आपस में भिड़ गए। हंगामे की वजह से मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया स्थगित करनी पड़ी।
  • 24 जनवरी: 6 जनवरी को हुए हंगामे की वजह से मुख्यालय में पुलिस को तैनात करना पड़ा। हालांकि, इसके बाद दोनों पार्टियों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। इस वजह से सदन दोबारा स्थगित करना पड़ा।
  • 6 फरवरी: मेयर चुनाव तीसरी बार टल गया। 10 नॉमिनेटेड मेंबर्स को वोट की मंजूरी मिलने के बाद भाजपा और AAP के मेंबर्स ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद MCD सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।
यह वीडियो भाजपा नेता अशोक गोयल ने ट्वीट किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि AAP का अराजक चेहरा बेनकाब हुआ।
यह वीडियो भाजपा नेता अशोक गोयल ने ट्वीट किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि AAP का अराजक चेहरा बेनकाब हुआ।

SC ने कहा- नॉमिनेटेड मेंबर्स को वोटिंग का हक नहीं
दिल्‍ली मेयर चुनाव के मुद्दे पर 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने पहली मीटिंग में ये चुनाव करवाने के निर्देश दिए। इसके लिए 24 घंटे के अंदर नोटिस जारी करने के लिए कहा। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि नॉमिनेटेड मेंबर्स को वोटिंग का हक नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मेयर के चुनाव के बाद ही डिप्टी मेयर का चुनाव हो सकता है। CJI चंद्रचूड़ ने कहा- इस बात पर जोर देने की आवश्यकता है कि मेयर बैठकों का संचालन करेंगे। मेयर का चुनाव पहले होना चाहिए। फिर डिप्टी मेयर के चुनाव के लिए बैठकों की अध्यक्षता करेंगे।

24 जनवरी को चुनाव में वोटिंग शुरू होते ही MCD मुख्यालय में हंगामा हुआ।
24 जनवरी को चुनाव में वोटिंग शुरू होते ही MCD मुख्यालय में हंगामा हुआ।

जानिए… विवाद कहां से शुरू हुआ
LG ने मेयर चुनाव के लिए बीजेपी की पार्षद सत्या शर्मा को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया। इससे पहले AAP ने मुकेश गोयल के नाम का प्रस्ताव रखा था। सत्या के नाम पर AAP ने आपत्ति जताई। इसके बाद प्रोटेम स्पीकर सत्या ने जैसे ही LG के मनोनीत सदस्यों को शपथ दिलानी शुरू की तो AAP ने विरोध और नारेबाजी शुरू कर दी।

आम आदमी पार्टी का कहना है कि मनोनीत सदस्यों की शपथ पहले नहीं होती है, लेकिन भाजपा परंपरा बदल रही है। भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि AAP नेताओं को नियमों की जानकारी नहीं है। इसलिए वह हंगामा कर रहे हैं। जब वे बहुमत में हैं, तो डरते क्यों हैं? यही काम आप सांसद राज्यसभा में भी करते हैं।

उधर, कांग्रेस ने मेयर चुनाव में शामिल नहीं होने का फैसला किया। आप विधायक आतिशी ने चुनाव न लड़ने के फैसले के बाद कांग्रेस पर भाजपा को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है। मेयर के चुनाव में 273 मेंबर्स वोट डालेंगे। बहुमत के लिए 133 का आंकड़ा चाहिए। AAP के पास 150 तो BJP के पास 113 वोट हैं।

AAP की शैली ओबेरॉय और भाजपा की रेखा गुप्ता के बीच मुकाबला
मेयर के लिए आप आदमी पार्टी ने शैली ओबेरॉय को मैदान में उतारा है, जबकि BJP की ओर से रेखा गुप्ता मैदान में हैं। वहीं, डिप्टी मेयर के लिए AAP ने मोहम्मद इकबाल और BJP ने कमल बागड़ी को उम्मीदवार बनाया है।हालांकि, 134 पार्षद के साथ AAP बहुमत में सबसे आगे है। इसके अलावा 3 राज्यसभा सांसद और 13 विधायक हैं। इस लिहाज से शैली मेयर चुना जाना लगभग तय है

273 मेंबर्स वोट डालेंगे, बहुमत AAP के पास
मेयर के चुनाव में 273 मेंबर्स वोट डालेंगे। बहुमत के लिए 138 का आंकड़ा चाहिए। कांग्रेस के गैरहाजिर होने पर 133 का आंकड़ा चाहिए। AAP के पास 134 पार्षद हैं। इसके अलावा 3 राज्यसभा सांसद और 13 विधायक हैं। भाजपा के पास 7 सांसद और 1 विधायक मिलाकर कुल 113 वोट हैं।

वहीं, कांग्रेस के 9 पार्षद और निर्दलीय दो पार्षद हैं। इस चुनाव में 250 पार्षदों के साथ 10 सांसद (7 लोकसभा सांसद और 3 राज्यसभा सांसद), 13 विधानसभा सदस्य वोट डालेंगे।

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