8 महीने, 8 आतंकी हमले, 26 जवान शहीद… ‘आतंकमुक्त’ राजौरी-पुंछ में क्‍या?

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर के कांडी जंगल में शुक्रवार को आतंकी विस्फोट में पांच जवानों की शहादत के बाद सेना के सर्च ऑपरेशन में शनिवार को एक आतंकी को मुठभेड़ में मार दिया गया जबकि एक जख्मी हो गया। ऐसे में शन‍िवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों राजौरी और पुंछ में सुरक्षा हालात का जायजा लिया।

रक्षा मंत्री का दौरा ऐसे समय हुआ है जब पाक‍िस्‍तानी सीमा से सटे दोनों जिलों में आतंकवादियों ने अक्टूबर 2021 से अब तक आठ हमले क‍िए हैं। इसमें अब तक 26 सैनिक शहीद हुए हैं। वहीं जवानों समेत कुल 35 लोगों की मौत हो चुकी है।

दरअसल पुंछ में पांच जवानों की शहादत के बाद सेना ने राजौरी के कांडी जंगल में ऑपरेशन त्रिनेत्र लॉन्च किया है। इसी ऑपरेशन के दौरान एक आतंकी की मुठभेड़ में मौत हो गई जबकि एक अन्य आतंकी जख्मी हो गया। सेना के मुताबिक, मारे गए आतंकवादी के पास से एके-56 राइफल, चार मैगजीन, 56 गोलियां, नौ एमएम का एक पिस्तौल, उसके तीन मैगजीन और तीन ग्रेनेड बरामद किए गए।

आतंकवादी की पहचान नहीं हो पाई है और फिलहाल यह भी पता नहीं चल सका है कि वह किस संगठन से जुड़ा था। शुक्रवार के हमले की जिम्मेदारी जैश ए मोहम्मद से जुड़े पीपल्स ऐंटी फासिस्ट फ्रंट ने ली थी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे और जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा शनिवार को राजौरी पहुंचे। उन्होंने आतंकियों के खिलाफ चल रहे अभियान में शामिल सुरक्षाबलों से भी बात की। सूत्रों ने कहा कि रक्षा मंत्री ने अपनी यात्रा के दौरान स्पष्ट संदेश दिया कि सैनिकों को मारने वाले आतंकवादियों को हर कीमत पर खोजा जाएगा।

सिंह ने अपनी यात्रा के दौरान कथित तौर पर कहा, जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। कांडी जंगल में चल रहे ऑपरेशन के बारे में जानकारी लेने के बाद राजनाथ सिंह ने पूरे जम्मू कश्मीर को लेकर हाई लेवल सिक्यॉरिटी मीटिंग भी की। सेना के अधिकारियों ने बताया कि आतंकियों की रणनीति अब सुरक्षाबलों को संघर्ष में उलझाकर या लोगों पर हमला कर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दे रहे सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए आईईडी बिछाने की रही है।

राजौरी में जारी अभियान के दौरान शुक्रवार को आतंकियों के विस्फोट में सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे। सेना ने बताया कि राजौरी सेक्टर के कांडी वन में जारी सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और CRPF के जॉइंट ऑपरेशन के दौरान सुबह करीब सात बजे आतंकवादियों की घेराबंदी की गई।

इसके बाद हुई मुठभेड़ में एक आतंकी को ढेर कर दिया गया। आतंकी की पहचान नहीं हो पाई है और अभी यह पता नहीं चल सका है कि वह किस संगठन से जुड़ा था। वहीं आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े संगठन पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने शुक्रवार के हमले की जिम्मेदारी ली है। राजौरी और पुंछ जिलों में अक्टूबर 2021 से लेकर अब तक किए गए आठ आतंकी हमलों में 26 सैनिकों सहित कुल 35 लोगों की जान गई है।

आप उठ क्यों नहीं रहे? मुझे कुछ नहीं चाहिए पापा, प्लीज लौट आओ… ये कहना था शहीद की दस साल की बेटी का जो अपनी सिसकियों के बीच पिता के बेजान चेहरे को छूने की कोशिश कर रही थी। पास में खड़ी शहीद की पत्नी अपने पति के बेजान चेहरे को दोनों हथेलियों के बीच लिए फफककर रो रही थी।

शुक्रवार को राजौरी में हुए आतंकी विस्फोट में शहीद होने वालों में जम्मू के पैराट्रूपर नीलम सिंह भी थे। शनिवार को उनका पार्थिव शरीर उनके गांव डलपट-चाक कृपालपुर लाया गया तो सैकड़ों लोग उन्हें अंतिम विदाई देने उमड़ पड़े। इस दौरान लोगों ने शहीद नीलम सिंह अमर रहें के नारे लगाए। शहीद का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। शहीद के परिवार में दस साल की बेटी और सात साल का बेटा हैं।

शहीद जवान सिद्धांत छेत्री की दो माह पहले ही हुई थी शादी

​शहीद जवान सिद्धांत छेत्री की दो माह पहले ही हुई थी शादी

जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकवाद विरोधी अभियान में शहीद हुए सेना के जवान सिद्धांत छेत्री (24 साल) की दो महीने पहले ही शादी हुई थी। शहीद जवान सिद्धांत छेत्री पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के बिजनबाड़ी इलाके के रहने वाले थे। सिद्धांत के बड़े भाई ओम प्रकाश छेत्री हाल ही में सेना से सेवानिवृत्त हुए हैं। ओम प्रकाश छेत्री ने शनिवार को कहा कि सिद्धांत में केवल देश की सेवा करने का जुनून था।

वह 2020 में सेना में शामिल हुआ था। उसके अच्छे प्रदर्शन के कारण उसे पैरा (विशेष बल) में नियुक्त किया गया। दो महीने पहले ही उसकी शादी हुई थी और वह जम्मू-कश्मीर में अपनी ड्यूटी पर लौट आया था। घर से लौटने के 15 दिन के भीतर ही वह शहीद हो गया। रविवार को पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा। बता दें कि भारतीय सेना के विशेष बल आतंकवाद-रोधी, बंधक बचाव, आतंकवाद-रोधी और विशेष टोही अभियान जैसी विभिन्न भूमिकाओं में विशेषज्ञ हैं।

​जौलीग्रांट लाए गए शहीद रुचिन और प्रमोद के पार्थिव शरीर

​जौलीग्रांट लाए गए शहीद रुचिन और प्रमोद के पार्थिव शरीर

जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में आतंकवादियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन के दौरान शहीद हुए उत्तराखंड और हिमाचल के दो जवानों के पार्थिव शरीर शनिवार सुबह जौलीग्रांट एयरपोर्ट लाए गए। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट, देहरादून पहुंचकर जम्मू कश्मीर में चल रहे ऑपरेशन त्रिनेत्र में शहीद हुए चमोली निवासी लांस नायक रुचिन सिंह रावत और हिमाचल के सिरमौर निवासी शहीद प्रमोद नेगी के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमारी सरकार शहीद रुचिन सिंह रावत के परिजनों की हर संभव मदद करेगी। बता दें कि शुक्रवार को हुए विस्फोट में शहीद सैनिकों में उत्तराखंड के गैरसैंण के लांस नाइक रुचिन सिंह रावत, पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग के पैराट्रूपर सिद्धांत छेत्री, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के नाइक अरविंद कुमार, जम्मू के हवलदार नीलम सिंह और हिमाचल प्रदेश के सिरमौर के पैराट्रूपर प्रमोद नेगी शामिल हैं।

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