नई दिल्ली। राजस्थान में दो महीने के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं और इसके बाद लोकसभा चुनाव होना है। इस वजह से कांग्रेस राजस्थान में ज्यादा सक्रिय है और वहां पर दोबारा सत्ता में वापसी के लिए गहलोत लगातार मेहनत कर रहे हैं।
अशोक गहलोत मिशन-2023 को लेकर सियासी एजेंडा सेट करने के लिए नई रणनीति बना रहे हैं। राजस्थान में दोबारा वापसी के लिए गहलोत बहुत जल्द एक यात्रा निकालने वाले हैं , जो 18 जिलों की 38 विधानसभा सीटों को कवर करेंगे।
इस दौरान मंदिरों में दर्शन करने के साथ-साथ लोगों के साथ बातचीत कर कांगे्रस के लिए माहौल तैयार करेंगे। दरअसल गहलोत 80 साल की उम्र में फिर से सीएम बनने का सपना पाल रहे हैं। अगर ऐसा होता है तो सचिन पायलट को फिर से निराशा हाथ लगेंगी। गहलोत की यात्रा का पहला चरण 30 सितंबर तक है। इसके बाद दूसरे चरण की यात्रा 3 अक्टूबर से शुरू होकर 7 अक्टूबर तक चलेगी। इस दौरान जनता के बीच जाकर वो कांग्रेस के लिए समर्थन जुटायेंगे।
बता दें कि बीजेपी ने भी राजस्थान में सियासी माहौल बनाने के लिए चार परिवर्तन यात्रा शुरू की थीं और पीएम मोदी के द्वारा इसका समापन हो गया है। इस दौरान बीजेपी ने गहलोत सरकार को घेरा था और उनकी आलोचना की थी।
इतना ही नहीं बीजेपी के बड़े नेताओं ने महिला अपराध, भ्रष्टाचार और हिंदुत्व से जुड़े मुद्दे को उठाकर गहलोत सरकार को घेरा था लेकिन अब गहलोत अपनी सरकार की उपलब्धियों को जनता के बीच लेकर जायेगे।
स्थानीय मीडिया के अनुसार गहलोत नौ दिनों में सूबे के 18 जिले में 3160 किलोमीटर की यात्रा करते हुए जनता के साथ संवाद करेंगे और रास्ते में पडऩे वाले हर जिले में जनसभा को भी संबोधित करने की योजना है।
बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस फिर से सत्ता में वापसी चाहती है। इसको लेकर उसने गहलोत और पायलट के बीच समझौता भी कराया है। दोनों मिलकर कांग्रेस को मजबूती देने की बात कह रहे हैं।