मार्च 2023 से इंटरनेट की स्पीड 10 गुना तक बढ़ जाएगी। केंद्र सरकार ने अगले 20 साल के लिए 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी की मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि मार्च 2023 से देश को 5G सर्विस मिल जाएगी। इस बीच सबसे बड़ा सवाल है कि लोगों को 5G सर्विस के लिए कितने पैसे देने पड़ेंगे? आज के भास्कर एक्सप्लेनर में समझते हैं…
फर्स्ट फेज में देश के 13 शहरों में होगी 5G इंटरनेट की शुरुआत
5G शुरू करने वाली 3 टेलीकॉम कंपनियां भारती एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन-आइडिया काम कर रही हैं। इन कंपनियों ने टेस्ट और ट्रायल कर लिया है। 5G इंटरनेट किस तारीख से शुरू किया जाएगा इसका आखिरी फैसला टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी TRAI को लेना है।
स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं होने की वजह से यह यह प्रोजेक्ट रुका हुआ था, लेकिन अब नीलामी की मंजूरी मिलने के बाद 5G इंटरनेट शुरू करने को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक फर्स्ट फेज में 5G इंटरनेट देश के 13 शहरों चंडीगढ़, दिल्ली, लखनऊ, गुरुग्राम, अहमदाबाद, जामनगर, कोलकाता, हैदराबाद, गांधीनगर, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, चेन्नई में शुरू होगा।
61 देशों के ट्रेंड से समझते हैं भारत में 5G डेटा पैक की कीमत
भारत में तीन टेलीकॉम कंपनियां 5G लेकर आ रही हैं- जियो, एयरटेल और Vi। इनमें किसी कंपनी ने अब तक अपने 5G डेटा प्लान की कीमतों के बारे में कोई खुलासा नहीं किया है। इसलिए 5G टैरिफ कितने के होंगे ये ठीक-ठीक बता पाना मुश्किल है। दुनिया के जिन देशों में 5G सर्विस लॉन्च हो चुकी है, वहां से एक ट्रेंड जरूर समझा जा सकता है।
दुनिया में सबसे पहले साउथ कोरिया ने दिसंबर 2018 में 5G सर्विस लॉन्च की। इसके बाद मई 2019 में स्विट्जरलैंड, UK और अमेरिका ने भी 5G लॉन्च कर दी। अब तक 61 से ज्यादा देशों में 5G शुरू हो चुकी है। हम यहां दुनिया की कुछ चुनिंदा टेलीकॉम कंपनियों के 4G और 5G टैरिफ प्लान्स की तुलना कर रहे हैं। ये आंकड़े 1 महीने के अनलिमिटेड प्लान्स के हैं।
4G के मुकाबले 10-40% तक महंगे होंगेG प्लान्स
साफ है कि दुनिया बड़ी टेलीकॉम कंपनियों के अनलिमिटेड 5G प्लान्स 4G की तुलना में महंगे हैं। कंपनियों ने अपने-अपने हिसाब से 10% से 40% तक की बढ़ोत्तरी की है। भारत में जब 5G सर्विस लॉन्च होगी, तो यही ट्रेंड देखने को मिल सकता है। यानी, भारत में भी 5G प्लान्स 4G के मुकाबले 10-40% तक महंगे हो सकते हैं।
4G के मुकाबले 1 GB डेटा की कीमत 5G में सस्ती पड़ेगी
याद कीजिए 2G का दौर जब 1 जीबी डेटा में पूरा महीना गुजर जाता था। 3G आने के बाद डेटा की खपत बढ़ी और 4G आने के बाद तो रोजाना 1 से 2 जीबी डेटा खर्च होने लगा। जाहिर है 5G आने के बाद डेटा की खपत कई गुना बढ़ जाएगी। इंडिया मोबाइल ब्रॉडबैंड इंडेक्स 2021 के मुताबिक 2020 में भारत में डेटा की खपत 36% बढ़ी है और आगे भी जारी रह सकती है। ऐसे में एक्सपर्ट्स उम्मीद जता रहे हैं कि 5G का अनलिमिटेड प्लान भले ही महंगा हो, लेकिन 1GB 5G डेटा की औसत कीमत 4G की तुलना में कम हो सकती है।
एक्सपर्ट का कहना है- 4G प्लान्स महंगे करके होगी 5G स्पेक्ट्रम की वसूली
भारत की टेलीकॉम कंपनियों ने हाल ही में अपने टैरिफ के रेट 20-25% तक बढ़ाए हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि जल्द ही इसमें और बढ़ोतरी की जा सकती है। इसकी वजह 5G के महंगे स्पेक्ट्रम की खरीद के लिए पैसे की जरूरत और कंपनियों का बढ़ा हुआ कर्ज है।
CRISIL रिसर्च की डायरेक्टर ईशा चौधरी के मुताबिक, अमेरिका, चीन और साउथ कोरिया जैसे देशों में 1 जीबी डेटा की कीमत 8-10 डॉलर के बीच है, जबकि भारत में ये 1 डॉलर से भी कम है। ऐसे में कंपनियों के पास टैरिफ महंगे करने का स्कोप है। हालांकि, ये इस साल के अंत तक हो सकता है। सभी कंपनियों का फोकस अपना ARPU बढ़ाने पर है।
अब 5G और 4G सेवा के बीच के अंतर को भी समझ लेते हैं….
इंटरनेट नेटवर्क की पांचवीं जेनरेशन को 5G कहते हैं। यह एक वायरलेस ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा है, जो तरंगों के जरिए हाई स्पीड इंटरनेट सेवा मुहैया कराती है। इसमें मुख्य रूस से तीन तरह के फ्रीक्वेंसी बैंड होते हैं।
1. लो फ्रीक्वेंसी बैंडः एरिया कवरेज में सबसे बेहतर, इंटरनेट स्पीड 100 Mbps, इंटरनेट स्पीड कम
2. मिड फ्रीक्वेंसी बैंड: इंटरनेट स्पीड लो बैंड से ज्यादा 1.5 Gbps, एरिया कवरेज लो फ्रीक्वेंसी बैंड से कम, सिग्नल के मामले में अच्छा
3. हाई फ्रीक्वेंसी बैंड: इंटरनेट स्पीड सबसे ज्यादा 20 Gbps, एरिया कवर सबसे कम, सिग्नल के मामले में भी अच्छा है।
5G से अमेरिका में विमानों की रफ्तार भी थम चुकी है
भले ही भारत में 5G सेवा की अभी शुरुआत नहीं हुई हो, लेकिन इसको लेकर कई कंट्रोवर्सीज सामने आ रही हैं। यूनाइटेड एयरलाइंस CEO स्कॉट किर्बी ने पिछले महीने कहा था कि अमेरिका में 5G सेवाओं के शुरू होने से कम से कम 40 बड़े एयरपोर्ट पर रेडियो ऑल्टीमीटर का इस्तेमाल नहीं हो पाएगा।
रायटर्स के मुताबिक, इससे रोजाना औसतन 1000 फ्लाइट्स कैंसिल, डाइवर्ट या लेट होंगी और हजारों पैसेंजर प्रभावित होंगे। इसमें कार्गो और पैसेंजर दोनों तरह के विमानों के प्रभावित होने की बात कही जा रही है। हालांकि, इस मामले में 5G सेवा देने वाली कंपनियों वेरिजोन और AT&T का कहना है कि कम से कम 40 अन्य देशों में 5G सेवाएं शुरू हो चुकी हैं। इनमें से किसी भी देश में विमान सेवाओं में किसी तरह की बाधा की कोई शिकायत नहीं मिली है।