Categories: खास खबर

गलवान घाटी: सेना ने 72 घंटे में श्योक नदी पर तैयार किया पुल

– सेना ने 2 घंटे तक इस पुल से वाहनों को गुजारकर परीक्षण भी किया
– गलवान घाटी में यह पुल सेना की पहुंच को आसान बनाएगा
नई दिल्ली। गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ 15-16 जून की रात को हुई खूनी झड़प के बाद भारतीय सेना ने 72 घंटे के भीतर पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में श्योक नदी पर एक पुल का निर्माण पूरा कर लिया है, जो श्योक-गलवान नदियों के मिलन बिंदु के बहुत करीब है। यह पुल पेट्रोलिंग पॉइंट 14 के ट्रैक पर नहीं है लेकिन उस जगह से बहुत दूर भी नहीं है जहां पर झड़प हुई थी। आर्मी के इसी ढांचे को लेकर गलवान घाटी में दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है।
गलवान घाटी की घटना में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद मंगलवार (16 जून) की सुबह जब चीन के साथ तनाव जारी था, उसी बीच आर्मी की कारू बेस्ड डिविजन ने सेना की इंजीनियर डिविजन को श्योक नदी पर 60 मीटर लम्बे ‘बेली ब्रिज’ का निर्माण कार्य तेज करने के निर्देश दिए। यह एक तरह से पोर्टेबल पुल होता है जिसे सेना अपनी जरूरत के लिहाज से उस जगह बनाती है जहां आने-जाने के लिए उचित मार्ग नहीं होते हैं। मिशन पूरा होने के बाद सेना यह अस्थाई पुल उखाड़ देती है।
दरअसल सोमवार की रात गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की चीनियों के साथ हिंसक झड़प के बाद सेना का मानना था कि अगर आगे भी इस तरह की हिंसक घटनाएं हुई तो श्योक नदी के ऊपर से आने-जाने के लिए ऐसा साधन होना चाहिए ताकि सेना के लड़ाकू वाहनों सहित सभी प्रकार के सैन्य वाहन तेजी से आ-जा सकें। इसलिए मंगलवार को जहां एक तरफ चीन के सैन्य अधिकारियों से वार्ता चल रही थी तो दूसरी तरफ इस पुल का निर्माण जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश सेना के इंजीनियरों को दिए गए।
चीन का विरोध दरकिनार करके सेना के इंजीनियरों ने पुल का निर्माण खत्म करने के लिए दिन-रात मेहनत की। सेना के इंजीनियरों ने खून जमा देने वाली सर्दी में मंगलवार और बुधवार की रात में भी काम जारी रखा और 72 घंटे के भीतर गुरुवार को ‘बेली ब्रिज’ बना डाला। इतना ही नहीं सेना ने 2 घंटे तक इस पुल से वाहनों को गुजारकर परीक्षण भी किया। यह पुल तैयार हो जाने से भारतीय सेना की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पहुंच काफी आसान हो गई है।
चीन के साथ चल रहे तनाव को देखते हुए पुल के निर्माण कार्य में जुटे इंजीनियरों को सुरक्षा कवर देने के लिए सेना की इंफैन्ट्री यूनिट को निर्देश दिए गए थे। कुल मिलाकर भारत के दो बुनियादी ढांचे में से एक यह पुल अब बनकर पूरी तरह तैयार है। गलवान घाटी में यह पुल सेना की पहुंच आसान बनाने और चीन पर निगरानी रखने में मददगार साबित होगा। भारत का दूसरा मिशन श्योक नदी के पूर्वी तट पर डीएसडीबीओ मार्ग है जो भारत को केवल गलवान घाटी तक ही नहीं बल्कि उत्तरी क्षेत्रों में भी पहुंच को आसान बनाएगा।
admin

Share
Published by
admin

Recent Posts

कुलभूषण को अगवा कराने वाला मुफ्ती मारा गया: अज्ञात हमलावरों ने गोली मारी

भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को अगवा कराने में मदद करने वाले मुफ्ती…

1 month ago

चैंपियंस ट्रॉफी में IND vs NZ फाइनल आज: दुबई में एक भी वनडे नहीं हारा भारत

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का फाइनल आज भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाएगा। मुकाबला दुबई…

1 month ago

पिछले 4 टाइटल टॉस हारने वाली टीमों ने जीते, 63% खिताब चेजिंग टीमों के नाम

भारत-न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला रविवार को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला…

1 month ago

उर्दू पर हंगामा: उफ़! सियासत ने उसे जोड़ दिया मज़हब से…

अपनी उर्दू तो मोहब्बत की ज़बां थी प्यारे उफ़ सियासत ने उसे जोड़ दिया मज़हब…

1 month ago

किन महिलाओं को हर महीने 2500, जानें क्या लागू हुई शर्तें?

दिल्ली सरकार की महिलाओं को 2500 रुपये हर महीने देने वाली योजना को लेकर नई…

1 month ago

आखिर क्यों यूक्रेन को युद्ध खत्म करने के लिए मजबूर करना चाहते है ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा यूक्रेनी नेता की यह कहकर बेइज्जती किए जाने के बाद कि ‘आप…

1 month ago