नेपाली एफएम बजा रहा भारत विरोधी गाना, मधेशियों ने जाहिर की नाराजगी

गोरखपुर। नेपाल के एफएम रेडियो पर बज रहा भारत विरोधी गाना महराजगंज के सीमाई क्षेत्र में भी सुनाई दे रहा है। कालापानी, लिपुलेख और लि‍पियाधुरा को नेपाल का हिस्सा बताने वाले इस गाने से भारतीय ही नहीं नेपाल के मधेशी भी नाराज हैं। नेपाल के नवलपरासी व रूपनदेही से सटे महराजगंज के सीमावर्ती क्षेत्रों में लोग नेपाली एफएम भी सुनते हैं।

सीमा को लेकर पैदा किए जा रहे विवाद के बीच नेपाल ने एक और शरारतपूर्ण हरकत की है। अपने एफएम स्टेशन पर वह भारत विरोधी गाने बजा रहा है, जो भारतीय सीमा क्षेत्र में भी सुनाई दे रहा है। गाने को सुनकर नाराज भारतीयों ने नेपाली एफएम सुनना बंद कर दिया है। गाने के माध्‍यम से कालापानी, लिपुलेख को नेपाल का हिस्सा बताया जा रहा है।

सोनौली बार्डर के सीमाई क्षेत्र में भी सुनाई दे रहा नेपाल का एफएम

मधेशी नेता महेंद्र यादव, गुलजारी यादव, कृष्णकुमार, मनोज त्रिपाठी, तारानाथ व संतोष ने कहा कि नेपाल सरकार को एफएम पर भारत विरोधी गानों को प्रतिबंधित करना चाहिए। दोनों देशों के बीच लंबे समय से मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। अगर कोई मतभेद है तो मिल बैठ कर सुलझाया जा सकता है। भारत सिर्फ एक पड़ोसी देश नहीं, हमारा भाई भी है। हमारी सभ्यता, संस्कृति सब एक है। नेपाल व भारत के बीच में रोटी-बेटी का संबंध बना रहेगा।

महराजगंज के नौतनवा के पुलिस क्षेत्राधिकारी राजू कुमार साव ने कहा कि सीमा पर सतर्कता बरती जा रही है। नेपाली एफएम के बारे में पड़ोसी देश के अधिकारियों से बात की जाएगी। महराजगंज जिले के सोनौली बार्डर के सीमाई क्षेत्र में नेपाल का एफएम रेडियो सुनाई पड़ रहा है।

नेपाल सरकार की नीतियों के खिलाफ सड़क पर उतरे लोग

नेपाल के तमाम संगठनों व राजनैतिक दलों ने नेपाल सरकार की नीतियों से नाराजगी जताते हुए मोर्चा खोल दिया है। नेपाल के धकधई, बुटवल, नवलपरासी, जनकपुर चौक चौराहों पर सड़क पर उतरे और विरोध प्रदर्शन किया। रूपनदेही व नवलपरासी जिले में जनता समाजवादी पार्टी के नेता प्रशांत गुप्ता, असलम खान, विद्या यादव, ताहिर अली, रवि रौनियार, वीर बहादुर क्षेत्री ने नागरिकता भेदभाव व भाषा पर राजनीति को गलत बताया।

नेपाल कांग्रेस के नेता बैजनाथ साहनी, राजकुमार यादव, इंद्रभान चौधरी व अकबाल खान ने भी सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया। वहीं कुछ महिला संगठनों ने भी नेपाल की माओवादी सरकार की नीतियों को भेदभाव पूर्ण बताया।

गोरखा सैनिकों सहित 420 लोग पहुंचे भारत

भारत-नेपाल में तनाव के बीच लॉकडाउन में फंसे दोनो देशों के नागरिकों का अपने वतन आने का सिलसिला लगातार जारी है। नेपाल के पोखरा, लुंबिनी, बुटवल, काठमांडू आदि स्थानों में कार्यरत 310 नागरिक भारत पहुंचे। छुट्टी लेकर घर गए गोरखा रेजिमेंट के 110 सैनिक सोनौली सीमा से भारत में प्रवेश किए।

प्रवेश द्वार पर चिकित्सकों ने सभी की थर्मल स्‍क्रीनिंग कर आब्रजन कार्यालय में रजिस्ट्रेशन कराया। वहां से बसों से नागरिकों व सैनिकों को गंतव्य की ओर रवाना किया गया। वहीं दूसरी तरफ भारत के विभिन्न हिस्सों में मजदूरी करने वाले 320 नेपाली नागरिक अपने वतन पहुंच गए। स्वास्थ्य जांच के बाद सभी को नेपाल में प्रवेश मिला।

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