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भारत ही नहीं अब नेपाल की भी जमीन हड़पने लगा चीन, नेपाली पीएम ने साधी चुप्पी

काठमांडू। भारत और चीन के बीच में तनाव लगातार बढ़ रहा है। उधर नेपाल भी भारत को लगातार परेशान करने में लगा हुआ है। हालांकि यह बात भी समझ से परे है कि आखिर नेपाल क्यों भारत के खिलाफ नजर आ रहा है, क्योंकि भारत हमेशा नेपाल की मदद करता रहा है।

दरअसल नेपाल के बदलते रंग के पीछे चीन को बताया जा रहा है। अगर कहा जाये चीन की शह पर नेपाल भारत को आंखें दिखा रहा तो गलत नहीं होगा लेकिन नेपाल चीन को दोस्त मान रहा लेकिन चीन उसी की जमीन को हड़प रहा।

जानकारी के मुताबिक नेपाल सरकार ने मान लिया है कि ड्रैगन उसकी जमीन को कब्जा कर रहा है। चीन नेपाल के साथ भी वहीं कर रहा है जैसे कि वो अन्य देशों के साथ करता आया है। हालांकि नेपाल की सरकार इस बात पर कोई खास ध्यान नहीं दे रही है। जानकारी के मुताबिक नेपाल सरकार के कृषि मंत्रालय ने कागजातों में भी इस सच्चाई को मान भी लिया है लेकिन प्रधानमंत्री केपी ओली इस बात कोई कदम उठम उठाना नहीं चाहते हैं।

नेपाली पीएम चीन के खिलाफ चुप्पी साध रखी है लेकिन भारत के खिलाफ भावनाएं भड़काने में जुटे हैं। नेपाल के कृषि मंत्रालय ने एक डॉक्युमेंट में कहा है कि तिब्बत में चल रहे बड़े रोड डिवेलपमेंट प्रॉजेक्ट से नदियों का रास्ता बदल दिया गया है और चीन ने नेपाल की भूमि कब्जा करके अपनी सीमा को बढ़ा लिया है।

एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक चीन ने नेपाल के कई जिलों की भूमि पर अतिक्रमण है। इसके साथ ही चीन नदियों का रूख बदलकर अधिक जमीन पर कब्जा करने की तैयारी में है। उधर कृषि मंत्रालय ने सरकार को इस बात से अवगत कर दिया है और कहा है कि इस बात की बहुत संभावना है कि चीन आने वाले समय में यहां सशस्त्र बलों के लिए पोस्ट बना ले। हालांकि यह पहला मौका नहीं है कि चीन ने इस तरह की हरकत की है। उसने इससे पहले भी नेपाल की जमीन पर कब्जा किया है।

नेपाल (Nepal) के कृषि मंत्रालय के सर्वेक्षण विभाग ने इस रिपोर्ट में कहा है कि इस बात की संभावना बहुत अधिक है कि आने वाले समय में चीन इन क्षेत्रों में अपनी सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती को विकसित कर सकता है…

जानकारी के मुताबिक 11 नदियों के रास्ता बदलने से पहले ही नेपाल 36 हेक्टयर जमीन खो चुका है। इसको लेकर सरकार को एक रिपोर्ट भी पेश की गई थी। इसके बाद नेपाल के लोगों का चीन के खिलाफ गुस्सा बढ़ गया था लेकिन सरकार ने चीन को हटाकर भारत की ओर मोडऩे का काम किया है।

चीन की भारत में घुसपैठ का कोई नया मामला नहीं है। भारत से लगी सीमाओं में आये दिन चीनी सैनिक घुसपैठ करते ही रहते हैं। अरुणांचल प्रदेश पर तो चीन अपना दावा जताता ही रहा है, उत्तराखंड की सीमाओं में भी आये दिन चीन के सैनिक चहलकदमी करते नजर आ जाते हैं. लद्दाख में चीन की घुसपैठ ने हमारे 20 जवानों की जान ले ली।

लॉ ट्रोबे यूनिवर्सिटी की एशिया सुरक्षा रिपोर्ट का जायजा लें तो पता चलता है कि चीन 23 देशों की जमीन या समुद्री सीमाओं पर अपना दावा करता रहा है। हालांकि उसकी सीमाएं 14 देशों से लगती हैं लेकिन वह 23 देशों की करीब 41 लाख वर्ग किलोमीटर जमीन पर कुंडली मारकर बैठा है।

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