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लद्दाख की धरती से मोदी की चीन -पाक को दो टूक, बोले- विस्तारवाद का दौर खत्म

लेह। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार सुबह अचानक लेह पहुंच गए। यह कोई पूर्व निर्धारित दौरा नहीं था इसलिए हैरानी होना लाजिमी था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को आज ही लेह जाना था मगर उनका दौरा किन्‍हीं वजहों से ‘रीशेड्यूल’ किया गया। ऐसे में जब पीएम मोदी के लेह पहुंचने और फिर लद्दाख के नीमू जाने की खबर आई तो ये साफ हो गया कि भारत बैकफुट पर नहीं खेलेगा।

एक तरफ चीन और दूसरी तरफ पाकिस्‍तान ने बॉर्डर पर जैसी घेराबंदी के इरादे जताए हैं, उसे देखते हुए पीएम मोदी ने लेह-लद्दाख के दौरा कर एक तीर से कई शिकार किए हैं। कुछ साफ संदेश हैं जो पीएम मोदी के इस दौरे से निकलकर सामने आए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख में जवानों को संबोधित किया। वहां बोलते हुए पीएम ने कहा कि भारत के जवानों ने दुनिया को अपनी बहादुरी दिखा दी। मोदी ने कहा कि यहां जवानों का साहस लद्दाख में मौजूद पहाड़ियों से भी ऊंचा है। मोदी ने गलवान घाटी में शहीद हुए 20 सैनिकों को भी श्रद्धांजलि दी।

मोदी चीन को सुनाते हुए बोले कि विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है और अब विकासवाद का है। तेजी से बदलते समय में विकासवाद ही प्रासंगिक है। विकासवाद के लिए असवर हैं यह ही विकास का आधार हैं। बीती शताब्दी में विस्तारवाद ने ही मानव जाति का विनाश किया। किसी पर विस्तारवाद की जिद सवार हो तो हमेशा वह विश्व शांति के सामने खतरा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवानों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि उनकी भुजाएं चट्टान जैसी हैं। इसके बाद पीएम मोदी बोले कि दुश्मनों ने जवानों का जोश और गुस्सा देख लिया है। जवानों से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लोग बांसुरी वाले कृष्ण की पूजा करते हैं। वहीं यहां सुदर्शन चक्र धारी कृष्ण को भी आदर्श माना जाता है।

पीएम मोदी जिस नीमू बेस कैम्‍प पर गए, वो जगह भारत-चीन सीमा से ज्‍यादा दूर नहीं। पूर्व में एलएसी है और पश्चिम में एलओसी। यह जगह शायद इसीलिए चुनी गई ताकि दोनों देशों को साफ संदेश जाए कि भारत का राजनीतिक नेतृत्‍व सामने से मुकाबला करता है। और यह भी कि भारत किसी तरह की धमकी या आक्रामक रुख से घबराने वाला नहीं है।

चीन ने पाकिस्‍तान को एक तरह से अपनी कॉलोनी बना लिया है। जैसी रिपोर्ट्स हैं कि एलएसी पर तनाव के बीच उसने एलओसी पर फोर्स मूव कराई है, भारत भी टू-फ्रंट वॉर के लिए तैयार हो गया है। पीएम मोदी का नीमू जाना पाकिस्‍तान को भी साफ संदेश रहा कि वो चीन के चक्‍कर में भारत से पंगा न ले, वर्ना फिर से मुंह की खाएगा। 1999 में इन्‍हीं पहाड़ी इलाकों में पाकिस्‍तानी फौज बुरी तरह मात खा चुकी है। चीन की संगत में पड़कर भारत को कमजोर समझने की भूल की तो पाकिस्‍तान को पछताना पड़ेगा। नीमू दिलचस्‍प इसलिए भी है क्‍योंक‍ि पाकिस्‍तान यहां से गुजरने वाले सिंधु नदी पर बांध बनाने का विरोध करता रहा है।

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