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सेना ने फेसबुक समेत 89 ऐप्स का इस्तेमाल जवानों और अधिकारियों के लिए किया बैन

नई दिल्ली। सेना ने 89 ऐप्स का इस्तेमाल जवानों और अधिकारियों के लिए बैन कर दिया है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि वे अपने स्मार्ट फोन से 89 ऐप डिलीट कर दें। इनमें फेसबुक, टिकटॉक, ट्रू कॉलर, इंस्टाग्राम जैसी ऐप शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि इन ऐप्स से सूचनाओं के लीक होने की आशंका है।

सेना के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ समय से सेना से संबंधित अधिकारियों को पाकिस्तान और चीन की इंटेलिजेंस एजेंसियों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। इसलिए यह कदम उठाया गया।  पिछले साल नवंबर में भी सेना के जवानों को ऑफिशियल कामों के लिए वॉट्सएप इस्तेमाल न करने के दिशा-निर्देश दिए गए थे। वहीं, संवेदनशील मामलों को देखने वाले अधिकारियों से फेसबुक अकाउंट डिलीट करने को कहा गया था।

इन ऐप्स पर सेना ने बैन लगाया

मैसेजिंग प्लेटफॉर्म: फेसबुक, बाइडू, इंस्टाग्राम, एलो, स्नैपचैट, वीचैट, क्यू क्यू, किक, आऊ वो, निम्बूज, हेलो, क्यू जोन, शेयर चैट, वाइबर, लाइन, आईएमओ, स्नो, टू-टॉक, हाइक

वीडियो होस्टिंग: टिक-टॉक, लाइकी, समोसा, क्वाली, कंटेंट शेयरिंग, शेयर इट, जेंडर, जाप्या

वेब ब्राउजर: यूसी ब्राउजर, यूसी ब्राउजर मिनी

वीडियो एंड लाइव स्ट्रीमिंग: लाइव मी, बिगो लाइव, जूम, फास्ट फिल्म्स, वी मेट, अप लाइव, विगो वीडियो

यूटिलिटी ऐप्स: कैम स्कैनर, ब्यूटी प्लस, ट्रू कॉलर

गेमिंग ऐप्स: पबजी, नोनो लाइव, क्लैश ऑफ किंग्स, ऑल टेंसेंट गेमिंग एप्स, मोबाइल लीजेंड्स

ई कॉमर्स: कल्ब फैक्ट्री, अली एक्सप्रेस, चाइना ब्रांड्स, गियर बेस्ट, बैंग गुड, मिनिन द बॉक्स, टाइनी डील, डीएचएच गेट, लाइटेन द बॉक्स, डीएक्स, एरिक डेस्क, जॉफुल, टीबीड्रेस, मोडिलिटी, रोजगल, शीन, रोमवी

डेटिंग ऐप्स: टिंडर, ट्रूअली मैडली, हैप्पन, आइल, कॉफी मीट्स बैजल, वू, ओके क्यूपिड, हिंग, एजार, बम्बली, टैनटैन, एलीट सिंगल्स, टैजेड, काउच सर्फिंग

एंटी वायरस: 360 सिक्युरिटी

न्यूज, ऑनलाइन बुक रीडिंग ऐप्स: न्यूज डॉग, डेली हंट, प्रतिलिपि, वोकल

लाइफस्टाइल ऐप: पॉपएक्सो

हेल्थ ऐप: हील ऑफ वाई

म्यूजिक ऐप्स: हंगामा, सांग्स.पीके

ब्लॉगिंग/माइक्रो ब्लॉगिंग: येल्प, तुम्बिर, रेडिट, फ्रेंड्स फीड, प्राईवेट ब्लॉग्स

29 जून को सरकार ने बैन कीं 59 चीनी ऐप
सरकार ने 29 जून को चीन के 59 ऐप्स पर बैन लगा दिया था। इस लिस्ट में टिक टॉक, यूसी ब्राउजर, हेलो और शेयर इट जैसे ऐप्स शामिल हैं। सरकार ने कहा कि इन चाइनीज ऐप्स के सर्वर भारत से बाहर मौजूद हैं। इनके जरिए यूजर्स का डेटा चुराया जा रहा था। इनसे देश की सुरक्षा और एकता को भी खतरा था।

सरकार ने चीनी ऐप्स पर बैन की ये वजहें बताईं थीं
सरकार ने कहा था कि पिछले कुछ दिनों से 130 करोड़ भारतीयों की प्राइवेसी और डेटा की सुरक्षा को लेकर चिंताएं जाहिर की जा रही थीं। इनमें कहा गया था कि इन ऐप्स से सम्प्रभुता और एकता को खतरा है। एंड्राॅयड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर मौजूद कुछ मोबाइल ऐप्स का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।

ये ऐप्स गुपचुप और अवैध तरीके से यूजर का डेटा चोरी कर भारत के बाहर मौजूद सर्वर पर भेज रहे थे। भारत की सिक्युरिटी और डिफेंस के लिए इस तरह से जमा किए गए डेटा का दुश्मनों के पास पहुंच जाना चिंता की बात है। यह भारत की एकता और सम्प्रभुता के लिए खतरा है। यह बेहद गहरी चिंता का विषय है और इसमें तुरंत कदम उठाना जरूरी था।

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