वॉशिंगटन। वैज्ञानिक दावा कर रहे हैं कि कोरोना वायरस हवा में भी फैल सकता है। यह एक कमरे की औसत लंबाई के बराबर स्थान तक फैलकर करीब तीन घंटे हवा में रह सकता है। इससे सर्वाधिक खतरा ऐसी बंद जगहों पर है, जहां भीड़ ज्यादा हो और वेंटिलेशन की समस्या हो। गौरतलब है कि 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने डब्ल्यूएचओ से कहा है कि कोरोना वायरस हवा के जरिए भी फैलता है। डब्ल्यूएचओ ने भी कहा है कि इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
अमेरिका की रिसर्च यूनिवर्सिटी वर्जीनिया टेक की एयरोसॉल विशेषज्ञ डॉ. लिंसे मर उन शोधकर्ताओं में शामिल हैं, जिन्होंने दावा किया है कि यह वायरस हवा में फैल सकता है। डॉ. लिंसे कहती हैं कि ‘अभी स्पष्ट नहीं है कि हवा में ये छोटे कण या एयरोसॉल छींक या खांसी से निकलने वालेे ड्रॉपलेट्स की तुलना में किस तरह और कितना वायरस फैलाते हैं।’ वे बताती हैं कि ‘एयरोसॉल तब भी रिलीज होता है, जब कोई बिना लक्षण वाला व्यक्ति सांस लेता है, बात करता है।
एयरबोर्न वायरस होने से चिंतित हैं तो ये बचाव करें
इस स्थिति में बिना लक्षण वाले मरीज ज्यादा खतरनाक
बाहर निकलें तो चश्मा लगा लें। जहां सेंट्रलाइज्ड एसी चल रहा हो और भीड़ हो, वहां हवा में वायरस होने की आशंका ज्यादा है। यदि कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता-छींकता है और वहां हवा चल रही है तो आसपास के व्यक्ति के संक्रमण का खतरा हो सकता है। ऐसे में मास्क जरूर पहनें। बिना लक्षण वाले मरीज इन परिस्थितियों में ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं।
– प्रो.अरुण शर्मा, कम्यूनिटी मेडिसिन, यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज।
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