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दिलचस्प मोड पर राजस्थान संकट : पायलट ने साधी चुप्पी, सुलह के रास्ते निकालने में जुटी कांग्रेस

जयपुर। राजस्थान का सियासी संकट दिलचस्प मोड़ पर है। सोमवार को मुख्यमंत्री गहलोत ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक कर 107 से ज्यादा विधायकों का दावा किया है। सचिन पायलट के रुख को देखकर माना जा रहा है कि अब वे कांग्रेस से बगावत के रास्ते पर आगे बढ़ चुके हैं। लेकिन, चर्चा है कि अभी कांग्रेस आलाकमान गहलोत और पायलट के बीच सुलह के रास्ते तलाश रहा है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के रवैये से भी ऐसा लग रहा है कि पार्टी पायलट को मनाने की आखिरी कोशिश में जुटी है। क्योंकि, सोमवार को दिनभर राजनीतिक सरगर्मी चलती रही। लेकिन, न तो पायलट का कोई बयान सामने आया और न ही गहलोत ने सार्वजनिक तौर पर सचिन पायलट का नाम लिया।

सुरजेवाला ने भी पायलट के लिए अपना रुख नरम रखा
रविवार रात ही साफ हो गया था कि सोमवार को पायलट विधायक दल की बैठक में नहीं जाएंगे। तब इस चर्चा ने जोर पकड़ा था कि पायलट अगर बैठक में नहीं पहुंचे तो उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। सोमवार सुबह जयपुर कांग्रेस कार्यालय से पायलट के पोस्टर हटा दिए गए। लेकिन, थोड़ी देर बाद ही पोस्टर फिर लगा दिए गए।

इसके अलावा रणदीप सुरजेवाला ने भी पायलट के लिए अपना नरम रुख रखा। प्रेस कान्फ्रेंस मे उन्होंने भाजपा पर ही निशाना साधा। विधायक दल की बैठक में भी एक प्रस्ताव पास हुआ। इसमें अनुशासनहीनता करने वाले विधायकों को पार्टी से बाहर करने का जिक्र था। इसमें भी पायलट का नाम लिए बिना प्रस्ताव पास किया गया।

इससे पहले सुबह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया ने कहा कि अब पायलट भाजपा में हैं। बाद में उन्होंने बाकायदा वीडियो जारी कर इसका खंडन किया। उन्होंने कहा कि उनकी जुबान फिसल गई थी, भाजपा में होने की बात उन्होंने सिंधिया के लिए कही है।

एक दिन पहले सक्रिय रहे पायलट ने भी चुप्पी साध ली
दिल्ली में मौजूद सचिन पायलट रविवार को आक्रामक नजर आ रहे थे। रविवार रात को सियासी गलियारे में यहां तक चर्चा थी कि पायलट भाजपा में शामिल हो सकते हैं। लेकिन, सोमवार को पायलट खेमे ने चुप्पी साध ली। दिल्ली में भी पायलट खेमे की कोई ऐसी गतिविधि नहीं दिखी कि वे भाजपा के करीब जा रहे हैं। दोपहर बाद खबर आई कि पायलट भाजपा में शामिल नहीं होंगे।

सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस आलाकमान की ओर से केसी वेणुगोपाल की पहल के बाद पायलट खेमे ने चुप्पी साध ली। यह भी चर्चा है कि कांग्रेस राजस्थान प्रकरण को सुलझाने में जुटे नेताओं ने राहुल गांधी से सचिन पायलट की बातचीत की रुपरेखा बना ली है।

पायलट की कुछ मांगे मानी जा सकती हैं
कांग्रेस आलाकमान सचिन की पायलट की कुछ मांगे मान सकता है। जैसे सरकार पायलट समर्थकों को मिले एसओजी नोटिस वापस लेगी। साथ ही, पायलट प्रदेश अध्यक्ष पद पर बरकरार रखेंगे। सचिन पायलट के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने की खबरों से भी नाराज चल रहे थे। आलाकमान पायलट की यह मांग भी मान सकता है कि गहलोत अपनी सरकार में दूसरा उपमुख्यमंत्री नहीं बनाएंगे। पायलट इस बात से भी नाराज हैं कि गहलोत सरकार में एक और मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं।

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