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कानपुर शूटआउट मामले में पैनल गठित कर सकती है सुप्रीम कोर्ट, याचिकाएं सुनीं

कानपुर। उत्तर प्रदेश के शूटआउट मामले में सुप्रीम कोर्ट एक पैनल गठित कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों के एनकाउंटर की कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग वाली याचिकाएं सुनीं। अदालत ने कहा कि विकास दुबे, उसके साथियों के एनकाउंटर और 8 पुलिसवालों की हत्या के मामले की जांच के लिए पूर्व जज की अध्यक्षता में एक पैनल के गठन पर विचार कर सकते हैं।

सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने अदालत से कहा कि हम एनकाउंटर के सिलसिले में एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेंगे। इस मामले पर कोर्ट अब 20 जुलाई को सुनवाई करेगी।

2 जुलाई को बिकरू गांव में पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसकी गैंग ने हमला कर दिया था। इसमें सीओ समेत 8 पुलिसवाले मारे गए थे। घटना के 7वें दिन 9 जुलाई को विकास को उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से गिरफ्तार किया गया। अगले दिन कानपुर लाते वक्त उसका एनकाउंटर हो गया था।

विकास का साथी और 50 हजार का इनामी गिरफ्तार

12 दिन से फरार 50 हजार रुपए के इनामी शशिकांत पांडे को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले एसटीएफ ने शशिकांत के 2 मददगारों को ग्वालियर से हिरासत में लिया था। दूसरी ओर पुलिस ने गैंगस्टर विकास दुबे के घर से 2 एके-47 और 17 कारतूस बरामद किए हैं। एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने यह जानकारी दी। विकास दुबे और शशिकांत का पिता प्रेम प्रकाश पांडे पहले ही एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं।

अब तक 6 मारे जा चुके, 3 गिरफ्तार; 11 की तलाश
एडीजी ने बताया कि कानपुर शूटआउट केस में 21 नामजद आरोपी थे। इनमें से श्याम दुबे, दयाशंकर अग्निहोत्री और शशिकांत दुबे को गिरफ्तार किया गया है। मुख्य आरोपी विकास दुबे समेत 6 बदमाश एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं। 11 आरोपियों की तलाश जारी है। चौबेपुर थाने के पूर्व इंचार्ज और एसआई के खिलाफ भी केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है।

एडीजी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया

  • विकास दुबे ने पुलिसवालों से लूटे हथियार और गोला-बारूद अपने घर में छिपाने के लिए अपनी गैंग से कहा था।
  • विकास और उसकी गैंग मारे गए पुलिसकर्मियों के शव जलाने की भी तैयारी में थे। यह बात विकास ने उज्जैन पुलिस को पूछताछ में भी बताई।
  • 2 जुलाई की रात विकास को पकड़ने के लिए पुलिस टीम तैयारी के साथ बिकरू गांव पहुंची थी। इस बात का जरा-सा भी अंदेशा नहीं था कि गैंगस्टर को सूचना लीक हो चुकी थी और वह पुलिस पर हमला करने की तैयारी में था।
  • विकास और उसकी गैंग के बदमाश छत पर पोजिशन लेकर अंधेरे का फायदा उठाकर हमला कर रहे थे। पुलिसकर्मी नीचे थे और उन सभी पर स्ट्रीट लाइट की रोशनी पड़ रही थी।
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