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कानपुर के अगवा लैब टैक्नीशियन का सुराग नहीं, दर-बदर भटक रहे परिजन

कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में लैब टेक्नीशियन संजीत के अपहरण के 26 दिन के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं और सवालों से घिरी पुलिस पीड़ित परिवार से बचती नजर आ रही है। इधर, संजीत के परिवारवालों को अनहोनी की आशंका सताने लगी है। पीड़ित परिजन अब रिश्तेदारों से लेकर जनप्रतिनिधियों से बच्चे को जल्द तलाशने की गुहार लगा रहे हैं।

संजीत की बहन रुचि ने बताया कि जब तक फिरौती के पैसे अपहरणकर्ताओं तक नहीं पहुंच गए तब तक लगातार क्राइम ब्रांच की टीम हमारे इर्द-गिर्द घूम रही थी। रात दिन पल-पल की जानकारी ले रही थी। अपहरणकर्ताओं को फिरौती की रकम देने के बाद अगले दिन क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर आए थे। 15 जुलाई से पूरी टीम नदारद है।

भाई के केस में क्या हो रहा है, इसकी भी कोई जानकारी नहीं दी है। ना ही पुलिस की टीम संपर्क कर रही है। रुचि ने कहा कि अब पूरा परिवार भाई के बारे में सोच सोच कर बेहाल है। भाई किस हालात में है और उसके साथ क्या हुआ है, बहुत सारे सवाल है जिसका जवाब हमें नहीं मिल रहा है।

पुलिस के रडार पर कुछ पुराने रिश्ते
अपहरणकर्ताओं तक पहुंचने के लिए पुलिस ने अब पुराने रिश्तों को भी ढूंढना शुरू कर दिया है। लगातार वीडियो कॉलिंग कर संजीत से बात करने वाली महिला मित्र पुलिस के शक के घेरे में है और पूछताछ के बाद उसके पुराने प्रेमी को भी उठाया गया है। दोनों के मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल निकलवाई जा रही है।

जिस अस्पताल में संजीत काम करता था, वहां पुलिस को कर्मचारियों से जानकारी मिली है कि संजीत के अपहरण से कुछ घंटे पहले ही महिला मित्र से किसी बात को लेकर फोन पर झगड़ा हुआ था। पुलिस कर्मचारियों ने बताया कि संजीत महिला मित्र से शादी करना चाहता था। दोनों को कई बार बाइक पर साथ जाते देखा गया। हर दिन चार से पांच बार उस युवती से संजीत की फोन पर बात होती थी।

एलआईयू कर रही पूछताछ
अपहरणकर्ताओं के चंगुल में फंसे संजीत को लेकर अब एलआईयू भी हर एक बिंदु पर पुलिस के साथ काम कर रही है। घटना के दिन जिस अनजान नंबर से संजीत के पास फोन आया था,उसकी पहली लोकेशन बर्रा पांच की ही आई है। एलआइयू टीम संजीत के मोहल्ले में जानकारी जुटाने के साथ ही इलाके के कुछ संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। संजीत का हाल फिलहाल किसी से झगड़ा हुआ या परिवार की किसी से कोई पुरानी रंजिश तो नहीं थी, इसका पता लगाया जा रहा है।

क्या बोले अधिकारी
गोविंद नगर के सीओ ने बताया कि सभी प्रयास किए जा रहे हैं और सर्विलांस की मदद से हर एक बिंदु पर टीम काम कर रही है। जल्द हम अपहरणकर्ताओं के नजदीक पहुंच जाएंगे और एक टीम बराबर परिवार के संपर्क में है।

यह है मामला 

कानपुर के बर्रा पांच निवासी पान दुकानदार चमनलाल यादव का इकलौता बेटा संजीत नौबस्ता स्थित एक निजी हॉस्पिटल में लैब टेक्नीशियन है। वह 22 जून से लापता है। 23 जून को बर्रा थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के बावजूद अब तक उसका पता नहीं चला। 29 जून को फिरौती के लिए फोन आने पर अपहरण की जानकारी हुई। पुलिस ने कॉल रिकॉर्ड निकलवाया तो संजीत की बात घटना के दिन राहुल नाम के युवक से होने की जानकारी मिली। राहुल का उसकी बहन से रिश्ता तय हुआ था लेकिन किसी कारण से टूट गया था। इस पर राहुल के खिलाफ बर्रा थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी।

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