लखनऊ. कोरोना की मार अन्य क्षेत्रों की तरह एवियेशन बिजनेस से जुड़े लोगों पर भी पड़ी है. एयर इंडिया ने अभी सिर्फ पांच दिन पहले अपने 13 हज़ार कर्मचारियों को पांच साल की बिना वेतन की छुट्टी पर भेजने का फरमान सुनाया था और अब निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी विमानन कम्पनी इंडिगो ने अपने दस फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फैसला किया है.
कोरोना की वजह से सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया था. संक्रमण को रोकने के मकसद से ट्रेनों से लेकर हवाई जहाज़ तक की उड़ानों पर पाबंदी लगा दी थी. जहाज़ खड़े हो जाने से विमानन कंपनियों के सामने अपने कर्मचारियों को वेतन देने की दिक्कत आ गई. आमदनी पूरी तरह से बंद हो गई जबकि खर्च अपनी जगह वैसे ही बने रहे.
अचानक आये कोरोना संकट से निबट पाने की कोई तरकीब नज़र आती नहीं दिखी तो एयर इण्डिया ने अपने 13 हज़ार कर्मचारियों को बगैर वेतन छुट्टी पर भेजने का फैसला किया. इस फैसले के सिर्फ पांच दिन बाद निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी विमानन कम्पनी इंडिगो के सीईओ रणंजय दत्ता ने गंभीर आर्थिक संकट को देखते हुए कम्पनी के दस फीसदी कर्मचारियों को निकालने का फैसला किया. इंडिगो में 31 मार्च 2019 को 23 हज़ार 531 कर्मचारी थे.
उन्होंने बताया कि कोरोना ने एवियेशन सेक्टर को बड़ा नुक्सान पहुंचाया है. कम्पनी अपने दस फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही है लेकिन डाक्टरों और नर्सों के लिए कोरोना काल में कम्पनी ने जो 25 फीसदी की छूट देने का एलान किया है वह जारी रहेगी.
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