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चीन ने पूर्वी लद्दाख में तैनात ​किये ​​पांच ​​​​​​मिलिशिया दस्ते

नई दिल्ली​​​​।​​​​ पूर्वी लद्दाख में नियंत्रण रेखा पर तेजी से प्रतिक्रिया ​देने ​के लिए चीन ने ​​पांच ​​​​​​मिलिशिया दस्ते तैनात किए हैं। ​इस तैनाती के पीछे चीन ​ने ​’​सीमा को मजबूत करने​’​ और ​’​​तिब्बत क्षेत्र को स्थिर करने​’ ​का मकसद बताया है​​​​।​ इसी​ ​मिलिशिया ​दस्तों के सहारे चीन ने भारतीय इलाकों में घुसपैठ करने की ​तैयारी की है लेकिन पेंगॉन्ग झील के दक्षिणी छोर पर पहले ही प्रयास में भारत से मुंह की खाने के बाद इस दस्ते की तैनाती करने से भी चीन को कोई फायदा होता नहीं दिख रहा है​।​​​​

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा​ कि ​मिलिशिया मूल रूप से चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का एक आरक्षित बल है। वे युद्ध की स्थितियों में तैनात रहते हैं और पीएलए को सैन्य अभियानों में मदद करते हैं। यह ​संगठन ​पर्वतारोहियों, मुक्केबाजों, स्थानीय फाइट क्लबों के सदस्यों और अन्य लोगों ​को मिलाकर बनाया गया है।​ संगठन में ​इसके ​अधिकांश सदस्य स्थानीय आबादी से ​भर्ती किए जाते हैं​​।

​ एलएसी पर ​इन पांच दस्तों की तैनाती ​किये जाने ​के बाद ​ही चीन ने भारतीय क्षेत्रों में घुसपैठ के प्रयास शुरू कर दिए​ हैं​।​ चीन ने​ इन्हीं दस्तों के सहारे पैंगॉन्ग त्सो में यथास्थिति को बदलने के लिए ​भारत को उकसाने वाली सैन्य ​कार्रवाई की थी​​। ​हालांकि भारतीय सैनिक ​चीनियों की घुसपैठ को विफल करने के लिए पहले से ही उन ऊंचाइयों पर मौजूद थे।​

पेंगोंग झील के दक्षिणी छोर पर 29​/30 अगस्त की ​रात को​ भारतीय इलाके में घुसपैठ करके थाकुंग चोटी पर कब्जा करने के लिए ​पीएलए के ​​करीब 500 सैनिक​ ​​​चीनी मिलिशिया​ के सदस्यों के साथ पूरी तैयारी से पहुंचे थे​।​ चीनी सैनिकों और ​चीनी मिलिशिया​ के सदस्यों की यह हरकत पूर्वी लद्दाख में चल रहे गतिरोध के दौरान सैन्य और राजनयिक ​वार्ताओं में ​जताई गई पूर्व सह​​मति का उल्लंघन​ ​था और य​​थास्थिति को बदलने के लिए ​भारत को उकसाने वाली सैन्य ​कार्रवाई थी​।

​इससे पहले पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध के दौरान हुई सैन्य वार्ता में सहमति व्यक्त की गई थी कि किसी भी देश की सेना दूसरे के क्षेत्र में नहीं जाएगी और उकसावे वाली कार्रवाई नहीं करेगी।​ ​​वहां पर पहले मौजूद भारतीय सैनिकों ने ​चीन ​की इस घुसपैठ को नाकाम करके खदेड़ दिया​।​​ इसके बाद भारत के सैनिकों ने अपनी स्थिति मजबूत करने ​के साथ ही जमी​नी हालात एकतरफा बदलने के लिए चीनी इरादों को विफल करने के लिए उपाय किए​​।​​

इस घटना के बाद भारतीय सेना ने कहा कि वे बातचीत के माध्यम से शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं लेकिन ​सीमा ​की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए भी समान रूप से दृढ़ हैं।​ ​लद्दाख के पैंगॉन्ग झील इलाके में 29-30 अगस्त की रात को भारतीय सेना से मुंह की खाने के बाद से चीन बिलबिला रहा है। चीनी सेना ने भारत से आग्रह किया है कि वह सीमा पर तनाव कम करने के लिए अपनी सेना को तुरंत कम करे।

इससे पहले चीनी विदेश मंत्रालय ने पैंगॉन्ग झील के पास यथास्थिति को बदलने के भारतीय सेना के आरोप को खारिज कर दिया था। ​​चीन की हालिया हरकत पर ​भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत हर विवाद का बातचीत के जरिए शांतिपूर्ण समाधान चाहता है। भारत ​ने ​चीन से अपी​​ल ​की है कि वह सीमा पर शांति की बहाली के लिए भारतीय पक्ष के साथ ईमानदारी से बातचीत करे।

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