मास्को। रूस ने जब से कोरोना वैक्सीन बनाने का दावा किया है तब से इस पर सवाल उठ रहा है। दुनिया भर के जानकारों ने जल्दबाजी में रूस द्वारा कोरोना वैक्सीन लांच करने की आलोचना की थी। इतना ही नहीं रूस में भी इसका विरोध हुआ था और वैक्सीन की क्षमता पर सवाल उठाया गया था।
एक बार फिर दुनिया की सबसे पहली मानी जाने वाली रूस की कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक-5 की क्षमता पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। वैक्सीन स्पुतनिक-5 (स्पूतनिक-5) के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल में जिन लोगों को स्पूतनिक- 5 वैक्सीन दी जा रही है, उनमें हर सात में से एक में शख्स में साइड इफेक्ट देखने को मिल रहे हैं।
इसकी पुष्टि खुद रूस के स्वास्थ्य मंत्री ने की है। उन्होंने कहा है कि स्पुतनिक-5 वैक्सीन लगाने के बाद सात वॉलंटियर्स में से एक ने इसके साइड इफेक्ट की शिकायत की है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रूसी स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको ने कहा कि अब तक घोषित 40,000 वॉलंटियर्स में से 300 से अधिक को स्पुतनिक -5 का टीका लगाया गया है।
बता दें कि रूस ने रूस ने स्पूतनिक-5 वैक्सीन को मॉस्को के गामालया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडिमियोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी के साथ मिलकर विकसित किया है।
रूस के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा ‘मॉस्को टाइम्स’ को दिए गए बयान के हवाले से समाचार एजेंसी टास ने कहा कि जिन वॉलंटियर्स को ये कोरोना वैक्सीन दी गई, उनमें से लगभग 14 फीसदी में साइड इफेक्ट देखने को मिले हैं। इन साइड इफेक्ट्स में हल्की कमजोरी, 24 घंटे तक मांसपेशियों में दर्द और शरीर के तापमान में वृद्धि आदि शामिल हैं। हालांकि इन लक्षणों को हल्का बताते हुए उन्होंने कहा कि ये अगले ही दिन गायब हो गए।
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