लखनऊ। 9 अगस्त की रात पुलस्त तिवारी को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद पकड़ा था। इस संबंध में एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर ने पुलस्त द्वारा जेल से भेजा गया लेटर सार्वजनिक किया है। पत्र में उसने पुलिस टीम पर दो लाख रुपए मांगे जाने का आरोप लगाया है। नूतन का कहना है इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने पुलिस से जवाब मांगा है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पत्र के अनुसार 9 अगस्त की शाम लगभग 6.30 बजे दो पुलिसवाले महेश दुबे तथा मोहित सोनी पुलस्त के घर आए थे। खुद को आशियाना थाने का दरोगा बताते हुए उसे कार में बैठा कर ले गए।
इन लोगों ने आशियाना चौकी के सामने गाड़ी खड़ी कर दी और पुलस्त के सामने ही इंस्पेक्टर आशियाना संजय राय तथा सीओ को इस संबंध में सूचित किया। इसके बाद वे पुलस्त को भीम राव आंबेडकर विश्वविद्यालय के बगल में कूड़े वाले रास्ते पर ले गए।
पुलस्त का आरोप- पुलिस ने मांगे थे दो लाख रुपए
पुलस्त के वायरल लेटर के अनुसार, पुलिस ने पुलस्त से कहा कि यदि बचना है तो दो लाख रुपए दे दो। पुलस्त द्वारा इस संबंध में असमर्थता दिखाने पर पुलिसवालों ने उसके मुंह, हाथ एवं पैर पर कपड़ा बांध कर गोली मार दी। फिर उसे फोटो खिंचवाने तथा कट्टा पकड़वाने के लिए मारा-पीटा गया। पुलस्त के अनुसार उसे संजय राय द्वारा गोली मारी गई थी। इस संबंध में नूतन द्वारा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत की गई है।
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