Categories: देश

सवर्ण पार कराएंगे बिहार में बीजेपी की चुनावी वैतरणी!

नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव की सियासी बाजी को अपने नाम करने के लिए एनडीए हर संभव कोशिशों में जुटा है। एनडीए के दोनों प्रमुख दल बीजेपी और जेडीयू ने टिकट वितरण में अपने-अपने सियायी समीकरण को साधकर रखने की कवायद की है।

बीजेपी ने अपने कोर वोटबैंक अगड़ों पर खास फोकस रखा तो जेडीयू ने मूल वोटबैंक पिछड़ा और अतिपिछड़ा को साधकर रखने का दांव चला है। इस तरह से एनडीए ने बिहार की सियासी जंग में महागठबंधन को मात देकर सत्ता को बरकरार रखने की रणनीति अपनाई है।

बता दें कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए में बीजेपी और जेडीयू के अलावा जीतनराम मांझी की हिंदुस्तान आवाम मोर्चा और मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी शामिल है।

सीट शेयरिंग में बीजेपी को 121 सीटें मिली है, जिसमें से वह 110 सीटों पर स्वयं चुनाव लड़ रही है और अपने कोटे की 11 सीटें वीआईपी को दी हैं। ऐसे ही जेडीयू को 122 सीटें मिली है, जिसमें से वह 115 पर खुद लड़ रही है और सात सीटें जीतनराम मांझी की पार्टी को दी है।

बिहार की राजनीति हमेशा से अलग रही है। यहां की राजनीति में जाति का गणित काफी अहम है और एक कड़वी सच्चाई है कि चुनाव के अंतिम दिन विकास पर जाति का समीकरण भारी पड़ता है। यही वजह है कि एनडीए के चार घटक दलों ने बिहार के जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए अपने-अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है।

बिहार में सबसे अहम भूमिका में पिछड़े और अति पिछड़े समुदाय में आनी वाली जातियों की है, जिनके सहारे नीतीश कुमार पिछले 15 सालों से राज कर रहे हैं। ऐसे में जेडीयू ने अपनी आधी से ज्यादा सीटों पर पिछड़ा-अतिपिछड़ा को उतारा है।

जेडीयू ने 115 सीटों में से सबसे अधिक 67 प्रत्याशी पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग से उतारे हैं। पिछड़ा वर्ग से नीतीश ने 40 प्रत्याशी उतारे हैं, जिनमें सबसे ज्यादा 19 यादव, 12 कुर्मी और तीन वैश्य समुदाय के लोगों को टिकट दिया है. वहीं, अति पिछड़ा समुदाय से 27 प्रत्याशी उतारे हैं, जिनमें 8 धानुक और 15 कुशवाहा शामिल हैं। इस तरह से नीतीश कुमार ने अपने कोइरी और कुर्मी मूल वोटबैंक को मजबूती से जोड़े रखने का दांव चला है।

जेडीयू ने अपने कोटे की 19 सीटें पर सवर्ण समुदाय के लोगों को प्रत्याशी बनाया है, जिनमें सबसे ज्यादा 8 भूमिहार, सात राजूपत और दो ब्राह्मण प्रत्याशियों को टिकट दिया है। नीतीश कुमार ने अनुसूचित जाति समुदाय के उम्मीदवारों को 17 टिकट दिए हैं और अनुसूचित जनजाति को एक टिकट दिया है।

इसके अलावा नीतीश कुमार ने अपने कोटे की पांच अनुसूचित जाति वाली सीटें जीतनराम मांझी की पार्टी को दे रखी है। यही नहीं जेडीयू ने बिहार की 11 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं। इस तरह से नीतीश कुमार ने मुस्लिम और यादवों को करीब 30 सीटों पर टिकट देकर आरजेडी के कोर वोटबैंक M-Y समीकरण को साधने की कवायद की है।

वहीं, बीजेपी ने भी टिकट बंटवारे में अपने कोर वोटबैंक अगड़ों का खास ख्याल रखा है। यही वजह है कि टिकटों के वितरण में बीजेपी ने 45 फीसदी प्रत्याशी सवर्ण समुदाय से आनी वाली जातियों के लोगों को बनाया है। बीजेपी ने अपने सभी 110 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है, जिनमें 50 टिकट सवर्णों को दिए हैं।

बीजेपी ने अगड़ों में 21 राजपूत, 14 भूमिहार, 12 ब्राह्मण और 3 कायस्थ समुदाय के प्रत्याशी बनाए हैं। इस तरह से बीजेपी ने अपने मूल वोटबैंक को राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की है।बीजेपी ने सवर्णों के साथ वैश्य समुदाय पर भी खास फोकस रखा है। बीजेपी ने इस बार 15 वैश्य समुदाय के प्रत्याशी उतारे हैं, जो पार्टी का परंपरागत वोटर माना जाता है।

ऐसे ही बीजेपी ने इस बार के चुनाव में कुल 15 यादव कैंडिडेट उतारकर आरजेडी के मूलवोट बैंक में सेंधमारी का दांव चला है। हालांकि, 2015 के चुनाव में बीजेपी ने 22 यादव प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से 6 जीतने में कामयाब रहे थे।

बीजेपी ने 15 सीटों पर अनुसूचित जाति और एक सीट पर अनुसूचित जनजाति के प्रत्याशी को उतारकर दलितों को साधकर रखने का दांव चला है। इसके अलावा 14 सीटों पर बीजेपी ने ओबीसी-अति पिछड़ी जातियों में आने वाले बिंद, दांगी, चंद्रवंशी, कुशवाहा, चौरसिया जैसे जातियों को टिकट देकर उन्हें साधकर रखने की कोशिश की है। हालांकि, बीजेपी ने अपने कोटे से जो सीटें वीआईपी की दी है, उस पर मुकेश सहनी ने अपने मनपंसद प्रत्याशी उतारे हैं।

admin

Share
Published by
admin

Recent Posts

कुलभूषण को अगवा कराने वाला मुफ्ती मारा गया: अज्ञात हमलावरों ने गोली मारी

भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को अगवा कराने में मदद करने वाले मुफ्ती…

1 month ago

चैंपियंस ट्रॉफी में IND vs NZ फाइनल आज: दुबई में एक भी वनडे नहीं हारा भारत

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का फाइनल आज भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाएगा। मुकाबला दुबई…

1 month ago

पिछले 4 टाइटल टॉस हारने वाली टीमों ने जीते, 63% खिताब चेजिंग टीमों के नाम

भारत-न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला रविवार को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला…

1 month ago

उर्दू पर हंगामा: उफ़! सियासत ने उसे जोड़ दिया मज़हब से…

अपनी उर्दू तो मोहब्बत की ज़बां थी प्यारे उफ़ सियासत ने उसे जोड़ दिया मज़हब…

1 month ago

किन महिलाओं को हर महीने 2500, जानें क्या लागू हुई शर्तें?

दिल्ली सरकार की महिलाओं को 2500 रुपये हर महीने देने वाली योजना को लेकर नई…

1 month ago

आखिर क्यों यूक्रेन को युद्ध खत्म करने के लिए मजबूर करना चाहते है ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा यूक्रेनी नेता की यह कहकर बेइज्जती किए जाने के बाद कि ‘आप…

1 month ago