नई दिल्ली। देश में ठीक चार साल पहले आज के ही दिन आधी रात से 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद कर दिया था। अचानक हुई नोटबंदी के कारण पूरे देश में हड़कंप मच गया था। नोटबंदी के करीब आधे घंटे बाद ही एटीएम मशीनों के बाहर लोगोंं की लंबी कतारे लगना शुरू हो गई थीं। यह सिलसिला कई दिनों तक चला, लोग अपना जरूरी काम छोड़कर बैंकों के बाहर ही डटे रहे।
ऐसे वक्त में जहां एक तरफ मोदी सरकार ने इसे कालेधन पर बड़ा हमला बोला तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने इसे देश की अर्थव्यवस्था की बर्बादी बताया। कांग्रेस आज भी नोटबंदी के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर हमला बोल रही है। वहीं विपक्ष पर पलटवार करने के लिए बीजेपी के अलावा खुद पीएम मोदी भी मैदान में आ चुके हैं।
नोटबंदी के चार साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि इससे काले धन को कम करने में मदद मिली है, कर जमा करने में वृद्धि हुई है और पारदर्शिता बढ़ी है। मोदी ने आज ट्विटर पर नोटबंदी के अपनी सरकार के फैसले के लाभों को गिनाया।
उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘नोटबंदी ने कालेधन को कम करने में, कर अनुपालन बढ़ाने में तथा पारदर्शिता सुदृढ़ करने में मदद की है।’ उन्होंने कहा, ‘ये परिणाम देश की प्रगति के लिए बहुत लाभकारी रहे हैं।’ प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट के साथ एक ग्राफिक भी साझा किया है, जिसमें दर्शाया गया है कि किस तरह से विमुद्रीकरण से कर जमा होने में वृद्धि हुई, कर तथा जीडीपी अनुपात बढ़ा, भारत अपेक्षाकृत कम नकदी आधारित अर्थव्यवस्था बना और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती मिली।
कांग्रेस ने नोटबंदी को बताया काला दिन
कांग्रेस ने केंद्र की मौजूदा मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए नोटबंदी को काला दिन बताया है और सरकार से माफी मांगने को कहा है। उधर, बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए नोटबंदी के फायदे गिनाए हैं। बीजेपी प्रवक्ता राजीव चंद्रशेखर ने कहा- नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था को साफ-सुथरा बनाने में मदद मिली। इसके कारण अर्थव्यवस्था औपचारिक रूप से मजबूत हुई और बड़ी संख्या में गरीबों की मदद की गई।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने वीडियो ट्वीट में कहा, ‘नोटबंदी पीएम की सोची समझी चाल थी ताकि आम जनता के पैसे से ‘मोदी-मित्र’ पूंजीपतियों का लाखों करोड़ रुपय कर्ज माफ किया जा सके। गलतफहमी में मत रहिए- गलती हुई नहीं, जानबूझकर की गई थी। इस राष्ट्रीय त्रासदी के चार साल पर आप भी अपनी आवाज बुलंद कीजिए।’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए रविवार को आरोप लगाया कि चार साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस कदम का मकसद अपने कुछ “उद्योगपति मित्रों” की मदद करना था और इसने भारतीय अर्थव्यवस्था को “बर्बाद” कर दिया। गांधी और कांग्रेस आरोप लगाते रहे हैं कि 2016 में की गई नोटबंदी लोगों के हित में नहीं थी और इसने अर्थव्यवस्था पर विपरीत असर डाला है।
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