Categories: देश

सिंधु जल विवादः अगले सप्ताह बातचीत कर सकते हैं भारत-पाक

नई दिल्ली। पाकिस्तान में नयी सरकार आने के बाद से दुनिया की नजरें भारत और पाकिस्तान के अगले कदम की तरफ टिक गयीं है। उल्लेखनीय है कि दोनों देशों में आजादी के बाद से ही विवाद चलता आ रहा है। उल्लेखनीय है कि भारत की, पाकिस्तान के नवनियुक्त प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के साथ, पहली अधिकारिक बैठक अगले सप्ताह इस्लामाबाद में होने वाली है। स्थायी सिंधु आयोग (पीआईसी) की इस बैठक में दोनों देशों के अधिकारी सिंधु जल मसले पर चर्चा करेंगे। भारत ने इस बैठक को ‘सिंधु जल समझौते’ के लिहाज से बेहद जरूरी बताया है। बैठक का समय भी काफी महत्वपूर्ण है। यह बैठक इमरान खान के प्रधानमंत्री पद संभालने के ठीक एक सप्ताह बाद हो रही है। भारतीय दल का नेतृत्व पीके सक्सेना करेंगे, वहीं पाक की तरफ से सैयद मेहर अली शाह को इसका आयुक्त बनाया गया है।

सूत्रों और मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार इमरान खान के नेतृत्व में पाकिस्तान भारत से बातचीत के सिलसिले को आगे बढ़ाने की बात कह चुका है। वहीं भारत सीमापार आतंकवाद के मामले को लेकर इस पर पूरी सावधानी बरत रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इमरान खान को लिखे बधाई पत्र में पाकिस्तान के साथ सार्थक और रचनात्मक बातचीत के लिए कहा था। दोनों तरफ से ‘सार्थक’ बातचीत की इच्छा जाहिर किए जाने के बावजूद व्यापक बातचीत को लेकर कोई चर्चा नहीं है। हालांकि भारत यह बात कई बार साफ कर चुका है कि जब तक पाकिस्तान भारत के खिलाफ काम कर रहे आतंकी समूहों पर कोई कार्रवाई नहीं करता तब तक कोई व्यापक बातचीत संभव नहीं है। हालांकि दोनों देशों ने इस बात से अब तक इनकार नहीं किया है कि अगले माह संयुक्त राष्ट्र संघ की सामान्य सभा के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अपने पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी से मुलाकात कर सकती हैं।

उल्लेखनीय है कि सिंधु जल विवाद काफी समय से दोनों देशों के बीच विवाद की वजह बन रहा है। इस मामले में संयुक्त राष्ट्र तीसरा फरीक के रूप में शामिल है। जम्मू कश्मीर में किशनगंगा (330 मेगावॉट) और रातले (850 मेगावॉट) पनबिजली परियोजनाओं के भारत के डिजाइन पर सवाल उठाते हुए पाकिस्तान ने पिछले साल भी वर्ल्ड बैंक का रुख किया था। किशनगंगा प्रॉजेक्ट झेलम की सहायक नदी, जबकि रातले प्रॉजेक्ट चेनाब नदी पर स्थापित किया गया है। संधि में इन दोनों नदियों के साथ सिंधु नदी को पश्चिमी नदियों के तौर पर परिभाषित किया गया है। इन नदियों के पानी के इस्तेमाल पर पाकिस्तान को किसी बंदिश का सामना नहीं करना पड़ता है। भारत इस मुद्दे पर निरीक्षण के लिए एक निष्पक्ष एक्सपर्ट की मांग करता रहा है। वहीं पाकिस्तान में नयी सरकार आने के बाद माना जा रहा है कि इमरान और मोदी सरकार बातचीत करके इस मसले का हल निकाल सकती है। लेकिन पाकिस्तानी सेना के दबाव में इमरान कोई बड़ा कदम उठा पाएंगे या नहीं यह भविष्य पर निर्भर है।

admin

Share
Published by
admin

Recent Posts

कुलभूषण को अगवा कराने वाला मुफ्ती मारा गया: अज्ञात हमलावरों ने गोली मारी

भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को अगवा कराने में मदद करने वाले मुफ्ती…

1 month ago

चैंपियंस ट्रॉफी में IND vs NZ फाइनल आज: दुबई में एक भी वनडे नहीं हारा भारत

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का फाइनल आज भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाएगा। मुकाबला दुबई…

1 month ago

पिछले 4 टाइटल टॉस हारने वाली टीमों ने जीते, 63% खिताब चेजिंग टीमों के नाम

भारत-न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला रविवार को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला…

1 month ago

उर्दू पर हंगामा: उफ़! सियासत ने उसे जोड़ दिया मज़हब से…

अपनी उर्दू तो मोहब्बत की ज़बां थी प्यारे उफ़ सियासत ने उसे जोड़ दिया मज़हब…

1 month ago

किन महिलाओं को हर महीने 2500, जानें क्या लागू हुई शर्तें?

दिल्ली सरकार की महिलाओं को 2500 रुपये हर महीने देने वाली योजना को लेकर नई…

1 month ago

आखिर क्यों यूक्रेन को युद्ध खत्म करने के लिए मजबूर करना चाहते है ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा यूक्रेनी नेता की यह कहकर बेइज्जती किए जाने के बाद कि ‘आप…

1 month ago