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देश की शीर्ष अदालत के जजों ने गाना गाकर जुटाए 10 लाख, जानें क्यों..

नई दिल्ली। यह हेडिंग देखकर ही आपके दिल में जिज्ञासा भर जाएगी कि सबसे गंभीर और अनुशासित कहे जाने वाले जज ऐसा कैसे कर सकते है। लेकिन हां.. ऐसा ही हुआ है। क्या आपने देश की शीर्ष अदालत के किसी न्यायाधीश को किसी कार्यक्रम में गाना गाते सुना है? शायद नहीं। लेकिन, बाढ़ से तबाह हुए केरल के राहत और पुनर्वास के लिए धन इकट्ठा करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में उच्चतम न्यायालय के दो न्यायाधीशों ने गाने गए। इस कार्यक्रम के माध्यम से दस लाख रुपए जुटाए गए, जिन्हें बाढ़ की विभीषिका का सामना कर रहे केरल को भेजा जाएगा। यह कार्यक्रम सर्वोच्च न्यायालय की रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों ने आयोजित किया था। केरल से संबंध रखने वाले न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ ने सुप्रीम कोर्ट परिसर के सामने इंडियन सोसाइटी फॉर इंटरनेशनल लॉ के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में प्रस्तुति दी। इस कार्यक्रम में भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और शीर्ष अदालत और दिल्ली हाई कोर्ट के कई न्यायाधीशों ने हिस्सा लिया।

अपनी इस कोशिश पर बात करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह एक बड़े उद्देश्य के लिए किया गया सामूहिक प्रयास है। उन्होंने कहा कुछ लोगों को लग सकता है कि यह एक जश्न है, क्योंकि यहां कुछ प्रस्तुतियां दी गई हैं। मैं इसे नेक काम के लिए सामान इकट्ठा करने के लिए ऊर्जा खोजने का एक सामूहिक प्रयास कहूंगा। हाल ही में पदोन्नति पाकर सुप्रीम कोर्ट में आए न्यायमूर्ति के एम जोसेफ ने मलयालम फिल्म ‘अमाराम’ का गाना गाया जो एक मछुआरे की कहानी बयां करता है। वहीं न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और पार्श्वगायक मोहित चौहान ने ‘वी शैल ओवरकम सम डे’ गाना गाया। इस कार्यक्रम से 10 लाख रुपए से ज्यादा की राशि एकत्र की गई है।

आपको बता दें कि भारी बारिश के बाद जलस्तर बढ़ने की वजह से खोले गए 20 से ज़्यादा बांधों ने केरल में तबाही मचा दी। हालांकि, राज्य ने सर्वोच्च अदालत से कहा कि पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के बिना जानकारी दिए मुल्ला पेरियार बांध खोलने की वजह से राज्य में ऐसी तबाही आई। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के अनुसार राज्य में 21,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, उन्होंने क्रेंद सरकार से इतने की ही मदद मांगी थी। विजयन सरकार ने मोदी सरकार से तत्काल मदद के तौर पर 1000 करोड़ रुपए की मांग की थी, लेकिन शरुआती मदद के तौर पर महज़ 100 करोड़ रुपए दिए गए। बाद में इस रकम में 500 करोड़ और जोड़े गए। वहीं, देश के अन्य राज्य मदद के तौर पर केरल को करीब 200 करोड़ की रकम देने वाले हैं। जिस राज्य को 21,000 करोड़ का नुकसान हुआ है, उसे अब तक कुल 1000 करोड़ की ही सहायता मिल पाई है।

उल्लेखनीय है कि जलप्रलय से जूझ रहे केरल को दोबारा खड़े होने में सालों लग सकते है। अब तक मिल रही राहत मदद को देखते हुए माना जा रहा है कि यह प्रतीक्षा और भी लम्बी हो सकती है। देश भर के हाथ केरल की मदद के लिए आगे बढ़ रहे है। राजधानी लखनऊ से भी हजारों टन राहत सामग्री भेजी जा चुकी है। राज्य की योगी सरकार के साथ ही कई समाजी संगठन भी केरल में त्रासदी से जूझ रही जनता की मदद के लिए आगे आये है।

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