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आखिरकार फूट ही पड़ा पंखुरी पाठक के दिल का गुबार, जानें क्या बोलीं…

लखनऊ। अनदेखी और प्रताड़ना का आरोप लगाकर समाजवादी पार्टी को अलविदा कहने वाली पंखुड़ी पाठक के दिल का गुबार आज फूट पड़ा। उन्होने आज समाजवादी पार्टी को महिला विरोधी बताते हुए करारे हमले बोले। अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर सपा के खिलाफ लिखी जा रही पोस्ट पर आ रही टिप्पणियों से आहत पंखुरी पाठक ने कहा कि ‘मेरे साथ की जा रही अभद्रता सपा की महिला विरोधी चरित्र का ही उदाहरण है। यह अभद्रता सपा में आम है। मैं सपा की पहली महिला प्रवक्ता थी, फिर भी यहां के अराजक तत्व लगातार मुझ पर प्रहार करते रहे। जब यह लोग मेरे साथ ऐसा व्यवहार कर सकते हैं तो सोचिए आम महिलाओं के प्रति इनकी सोच क्या होगी।

बताते चलें कि सोमवार देर शाम जारी हुई समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता सूची से पंखुरी पाठक को बाहर कर दिया गया। जिसके बाद पंखुरी पाठक ने समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। पंखुरी पाठक का कहना है कि पिछले कुछ समय से सपा से उनका वैचारिक मतभेद जारी था। इसे लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर भी समय-समय पर लिखा। पंखुरी पाठक ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा ब्राह्मण विरोधी पोस्ट शेयर करने पर भी कड़ी आपत्ति दर्ज की थी। उनका मानना है कि इन्हीं वजहों के चलते उन्हें प्रवक्ता सूची से बाहर कर दिया गया।

पंखुरी पाठक ने समाजवादी पार्टी को अनुशासन व संगठन विहीन करार देते हुए पार्टी नेतृत्व को चाटुकारों के चंगुल से बाहर निकलने की सलाह दी। अपने खिलाफ की जा रही टिप्पणी पर जवाब देते हुए पंखुरी ने कहा कि जो बात मैं कह रही हूं, वही शिवपाल यादव और नेताजी भी कह रहे हैं तो जितनी टिप्पणी मुझपर की की जा रही हैं उतनी ही उन पर भी की जानी चाहिए। पंखुरी पाठक ने बिना नाम लिए सपा की कुछ महिला नेताओं पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुझे टारगेट करके कुछ लोगों ने नेता बनना चाहा और अभी भी कर रहे हैं। उन्हें नसीहत देते हुए पंखुरी पाठक ने कहा कि सिर्फ फेसबुक ट्वीटर पर टिप्पणी करके नेता नहीं बन पाएंगे।
उल्लेखनीय है कि पंखुरी पाठक युवा शक्ति के बीच काफी पसंद की जाती हैं इसको देखते हुए ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अहम जिम्मेदारी सौंपी थी। पंखुरी ने भी अखिलेश को मायूस नहीं किया था और काफी नवजवानों को समाजवादी पार्टी से जोड़ने में सफलता हासिल की थी जिससे वह समाजवादी पार्टी की फायरब्रांड नेता के रूप में उभरीं थी।
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