हैदराबाद। ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव नतीजों के रुझान बड़े उलटफेर की तरफ इशारा कर रहे हैं। दक्षिणी राज्यों में पैठ बनाने की बीजेपी के प्लान में यह चुनाव टर्निंग पॉइंट साबित हो सकते हैं। 150 सीटों वाले नगर निगम के चुनावी रुझानों में बीजेपी 80 से ज्यादा सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं।
अगर यह रुझान नतीजों में बदलते हैं तो समझिए कि भगवा पार्टी ने हैदराबाद का किला भेद लिया है। यहां चुनाव प्रचार के लिए केंद्रीय नेतृत्व डेरा डाले हुए था। पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के अलावा गृह मंत्री और ‘बीजेपी के चाणक्य’ कहे जाने वाले अमित शाह ने कमान अपने हाथ में ले रखी थी।
दरअसल बीजेपी के लिए दक्षिण भारत का हिस्सा अब भी अभेद बना हुआ है। दक्षिण भारत अभी भी बीजेपी के लिए मुश्किल चुनौती सरीखा बना हुआ है। एक कर्नाटक को छोड़ दें तो आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल में बीजेपी का प्रभाव अधिक नहीं है। अपने दम पर बीजेपी खास प्रभाव नहीं छोड़ सकी है।
चुनावों में अन्य दलों के साथ गठबंधन करके ही बीजेपी कुछ सीटों पर जीत दर्ज कर पाती है। इसलिए GHMC के चुनाव में परचम लहराकर दक्षिण भारत के अभियान को मजबूत करना चाहती है। गृह मंत्री अमित शाह ने इस चुनाव की रणनीति जोरदार तरीके से बनाई है। बीजेपी चीफ नड्डा ने भी कार्यकर्ताओं की फौज के साथ चुनाव किया था।
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में बीजेपी के अच्छे प्रदर्शन के बाद पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने भाग्यलक्ष्मी माता की तस्वीर शेयर की है।
पात्रा ने साथ में ‘भाग्यनगर’ लिखा जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान के संदर्भ में था। एक रैली में आदित्यनाथ ने हैदराबाद का नाम फिर से ‘भाग्यनगर’ रखे जाने की बात कही थी। चुनाव प्रचार के दौरान शाह माता के मंदिर में दर्शन को भी गए थे।
दरअसल, हैदराबाद में चुनाव प्रचार के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर रखा जाना चाहिए। अब जब नतीजे बीजेपी के पक्ष में जाते दिख रहे हैं बीजेपी इससे गदगद है।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने ‘भाग्यलक्ष्मी’ माता की फोटो ट्वीट कर साथ में ‘भाग्यनगर’ लिखा है। शाह ने रविवार को कहा था कि भाजपा हैदराबाद को नवाब निजाम की संस्कृति से मुक्त कराना चाहती है और इसे एक आधुनिक शहर बनाना चाहती है।
बताते चलें कि बीजेपी ने जिस तरह मिशन मोड में ग्रेटर हैदराबाद का चुनाव लड़ा, उससे साफ है कि वह किस तरह इस इलाके में आगे बढ़ना चाहती है। नगर निगम की सीमा में 24 विधानसभा सेगमेंट्स आते हैं। तेलंगाना में 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं, उससे पहले हुए ये चुनाव एक तरह से मूड सेट करेंगे।
TRS 2016 में 99 सीटें जीती थीं, जबकि AIMIM को 44 सीटों पर जीत मिली थी। दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में TRS की एकतरफा जीत हुई थी मगर अप्रैल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने TRS से चार अहम सीटें छीन ली थीं। 10 नवंबर 2020 को दुब्बका विधानसभा उपचुनाव में भी TRS को बीजेपी के हाथों शिकस्त मिली।
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