किसान आंदोलन:सरकार के रुख से सिंघु बॉर्डर का माहौल भी बदला
दिल्ली की सीमाओं पर किसान 9 दिन से डटे हैं। फोटो सिंघु बॉर्डर की है, जहां 26 नवंबर किसानों ने उग्र प्रदर्शन किया था, पर आज माहौल थोड़ा अलग दिखा। धरने पर बैठे किसानों ने वक्त बिताने के लिए प्रोजेक्टर लगाकर पंजाबी मूवी का लुत्फ उठाया।
सिंघु बॉर्डर पर हजारों किसान मौजूद हैं। हर रोज इनमें सैकड़ों और शामिल हो जाते हैं। सभी इस उम्मीद में हैं कि अपनी मांगें मनवाकर ही घर लौटेंगे।
प्रदर्शन की पूरी तैयारी की गई है। मंच है, भाषण दिए जा रहे हैं। सभी तक आवाज जाए इसलिए लाउडस्पीकर भी लग गए हैं। नारेबाजी से किसानों का जोश बढ़ाया जाता है।
दिल्ली की सीमा पर पंजाब के सभी रंग दिखाई दे रहे हैं। सिंघु बॉर्डर का नजारा देखकर एकबारगी तो लगता है कि यह पंजाब का ही कोई मोहल्ला है।
किसानों के प्रदर्शन में निहंग भी शामिल हो गए हैं। निहंग सिख यानी बेहद सम्मानित, जोशीली और हथियारबंद कौम। गुरु की लाड़ली फौज।
साथी कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं तो एक टीम उनके लिए खाना तैयार कर रही है। सबने अपनी-अपनी जिम्मेदारी संभाल रखी है।
पुलिस के साथ किसानों के टकराव की तस्वीरों से यह फोटो अलग है। इसमें पंजाब पुलिस के सब इंस्पेक्टर बलविंदर सिंह किसानों को खाना परोस रहे हैं।
किसानों की मांग पर सरकार के नर्म रुख की वजह से आंदोलन भी शांति से चल रहा है। इस बीच कहीं-कहीं जवानों और किसानों में टकराव भी होता रहा।
प्रदर्शन तो चल ही रहा है, थोड़ा घर-परिवार, गांव और देश का भी तो हाल जान लें। यह फोटो भी तो यही कह रही है।
सिंघु बॉर्डर पर कई बुजुर्ग किसान भी आए हैं। अब ट्रैक्टर-ट्रालियों में ही उनका ठिकाना है। इस दौरान फुर्सत के पलों में वे एक-दूसरे से मन की बात कर लेते हैं।