नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत अपने बजट घाटे के लक्ष्य को पूरा करने के बारे में चिंता नहीं करेगा। क्योंकि वह अर्थव्यवस्था का समर्थन करने के लिए खर्च करना चाहता है। एक टीवी इंटरव्यू में वित्त मंत्री ने कहा कि राहत पैकेज जल्दबाजी में खाया हुआ कोई घाव साबित नहीं होगा। साथ ही, सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सरकारी कंपनियां पूंजीगत खर्चों को जारी रखें।
पैसा खर्च करना एक बड़ी जरूरत है
सीतारमण ने कहा कि फिलहाल मैं राजकोषीय घाटे के आंकड़े को लेकर बिल्कुल भी चिंतित नहीं हूं। क्योंकि मेरे लिए पैसा खर्च करना एक बड़ी जरूरत है। पिछले महीने भारत सरकार ने कंपनियों को उबारने और कोरोनावायरस महामारी के कारण खोई हुई नौकरियों को बचाने के लिए अर्थव्यवस्था की तुलना में 15% का राहत पैकेज दिया। हालांकि इसे कई चरणों में दिया गया। इससे बजट गैप सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की तुलना में मार्च तक 8% तक पूरा किया जा सकता है, जो कि 3.5% के लक्ष्य से दोगुना है।
आंकलन करने की जरूरत
1 फरवरी को पेश होने वाले बजट से पहले उन्होंने कहा कि जहां तक आने वाले वर्ष का संबंध है, हमें इसका ऑकलन करने की जरूरत है। मैं यकीन के साथ नहीं कह सकती हूं कि तुरंत खर्च में कटौती की जा सकती है। यह एक सावधानी भरा कदम होना चाहिए। क्योंकि जिस गति से अर्थव्यवस्था चल रही है उसमें निरंतरता होनी चाहिए।
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