विस अध्यक्ष हृदय नारायण सहित अन्य नेताओं ने ‘विश्व मानवाधिकार दिवस’ पर दी बधाई

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित सहित अन्य नेताओं ने गुरुवार को ‘विश्व मानवाधिकार दिवस’ पर अपनी शुभकामनाएं दी हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने ट्वीट किया कि समान सम्मान, आम नागरिकों के हितों व अधिकारों की रक्षा, मानवीय मूल धर्म के प्रति सजगता के उद्देश्य हेतु समर्पित ‘विश्व मानवाधिकार दिवस’ की सभी को शुभ मंगलकामनायें।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया कि प्रत्येक मनुष्य को मर्यादापूर्वक एवं गौरवपूर्ण जीवन जीने का अधिकार है। विश्व मानवाधिकार दिवस की समस्त देशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आओ आज इस दिवस पर सभी व्यक्तियों के मौलिक अधिकारों की रक्षा एवं सम्मान का संकल्प करें।
उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने ट्वीट किया कि प्रत्येक मनुष्य को मर्यादापूर्वक व गौरवपूर्ण जीवन जीने का अधिकार है तथा उन्हें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हों, ये अति आवश्यक है। आओ आज विश्व मानवाधिकार दिवस पर मनुष्य के मौलिक अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित हो, इसका हम सभी प्रण लें! समस्त देशवासियों को इस दिवस की अनंत शुभकामनाएं। इसके अलावा प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों व अन्य नेताओं ने भी विश्व मानवाधिकार दिवस पर सभी को शुभकामनाएं दी हैं।
समाजवादी पार्टी ने ट्वीट किया कि समस्त प्रदेशवासियों को ‘विश्व मानवधिकार दिवस’ की हार्दिक शुभकामनाएं। आइए इस अवसर पर संगठित होकर मानवाधिकारों की रक्षा का संकल्प लें।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट किया कि सभी देशवासियों को अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस की शुभकामनाएं। इस मौके पर आइए हम अपने अधिकारों और कर्तव्यों को पहचानें और जीवन को बेहतर बनाने का संकल्प लें।
हर साल 10 दिसम्बर को ‘अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस’ मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने 1950 में 10 दिसम्बर के दिन को मानवाधिकार दिवस घोषित किया था, जिसका उद्देश्य विश्वभर के लोगों का ध्यान मानवाधिकारों की ओर आकर्षित करना था। वर्ष 1948 में यूनाइटेड नेशन्स जनरल असेंबली ने इसको अपनाया। लेकिन, आधिकारिक तौर पर इस दिन की घोषणा साल 1950 में हुई।
मानवाधिकार दिवस लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। मानवाधिकार में स्वास्थ्य, आर्थिक सामाजिक, और शिक्षा का अधिकार भी शामिल है। मानवाधिकार वे मूलभूत नैसर्गिक अधिकार हैं जिनसे मनुष्य को नस्ल, जाति, राष्ट्रीयता, धर्म, लिंग आदि के आधार पर वंचित या प्रताड़ित नहीं किया जा सकता। इस साल मानवाधिकार दिवस की थीम है- ‘फिर से बेहतर- मानव अधिकारों के लिए खड़े हो जाओ’। यह थीम कोविड-19 महामारी से पैदा हुई स्थिति के मद्देनजर रखी गई है।
भारत में मानवाधिकार कानून 28 सितम्बर 1993 में अमल में आया। इसके बाद सरकार ने 12 अक्टूबर 1993 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन किया। मानवाधिकार आयोग राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्षेत्रों में भी काम करता है।
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