जातीय राजनीति साध रहे हैं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव!

– घाटमपुर नृशंस मासूम कांड के पीड़ितों के घर नहीं पहुंचे पूर्व सीएम
कानपुर। उत्तर प्रदेश में अपराध को पूरी तरह से रोक पाना शायद अकल्पनीय होगा, लेकिन राजनेता घटनाओं में राजनीति तलाश ही लेते हैं। यही नहीं यह भी देखा जाता है कि किन घटनाओं में पीड़ितों के घर जाना है और किनमें नहीं।
ऐसा ही बुधवार को कानपुर में उस समय देखा गया जब सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव संजीत यादव अपहरण व हत्याकांड के परिजनों से मिले, जबकि कानपुर में ही घाटमपुर में मासूम बच्ची के साथ नृशंस हत्याकांड हुआ था। ऐसे में लोगों और भाजपा के बीच चर्चा होने लगी कि अखिलेश यादव सिर्फ जातीय राजनीति साधने कानपुर आये हैं।
प्रदेश में आपराधिक घटनाएं होती रहती हैं चाहे किसी भी पार्टी की सरकार हो, किसी घटना का पुलिस सही से खुलासा कर देती है तो किसी में लापरवाही भी सामने आती रहती हैं। कानपुर के संजीत यादव अपहरण व हत्याकांड में ही परिजनों के मुताबिक पुलिस ने जमकर लापरवाही बरती है।
इसी के चलते आज तक संजीत का शव नहीं मिल सका। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेकर एसपी दक्षिण सहित 11 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया था। वहीं घटना को लेकर सपा प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बराबर परिजनों से संपर्क में रहे और न्याय दिलाने का भरोसा दिलाते रहे। इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री ने परिजनों को आर्थिक मदद भी की थी और बराबर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते रहे।
बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री कानपुर पहुंचे और संजीत के घर पहुंचकर परिजनों को आश्वासन दिया कि प्रदेश में सपा की सरकार आते ही घटना की जांच सीबीआई से करायी जाएगी। सपा प्रमुख के इस बयान के बाद से लोगों और भाजपा के बीच चर्चा होने लगी कि अखिलेश यादव जातीय राजनीत साधने कानपुर आये हैं।
भाजपा के उत्तर जिलाध्यक्ष सुनील बजाज ने कहा कि अखिलेश यादव वहीं जाते हैं जहां घटना के पीड़ित स्वजातीय होते हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में घाटमपुर में एक मासूम बच्ची के साथ बलात्कार के बाद उसका दिल निकाल लिया गया। इस नृशंस घटना में अखिलेश यादव सिर्फ ट्वीटर तक ही सीमित रहे, जबकि संजीत के घर से मासूम बच्ची का घर बहुत दूर नहीं था।
आगे कहा कि पिछले वर्ष पांच अक्टूबर को झांसी में पुलिस एनकाउंटर में मारे गये पुष्पेन्द्र यादव के घर पहुंचे थे और उसी दिन सड़क दुर्घटना में छह लोगों की मौत होने के बाद भी उनके परिजनों से मिलने की जरुरत नहीं समझी। इसी प्रकार आजमगढ़ से लेकर बाराबंकी तक कई घटनाएं हुई जिसमें देखा गया कि अखिलेश यादव सिर्फ स्वजातीय पीड़ितों के घर पहुंचते हैं और जातीय राजनीति साध रहे हैं।
अपने हृदय में झांककर देखें अखिलेश
भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार में कानून अपना काम करता है और किसी भी पीड़ित पर अन्याय नहीं होने दिया जाता। आपराधिक घटनाओं को लेकर जिस प्रकार अखिलेश राजनीति करते हैं उनको पहले अपने हृदय में झांककर देखना चाहिये कि उनकी सरकार में अपराध की क्या स्थिति थी।
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