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‘टू फ्रंट वार’ के लिए सेना बदलेगी ​युद्ध​ के तौर-तरीके

– अब तक सेना ने ​एलओसी पर फोकस करके खुद को किया था तैयार 

– चीन से तनाव बढ़ने पर एलएसी के लिए बनेगी माउंटेन स्ट्राइक कोर   

नई दिल्ली। ​भारती​​य सेना ​अब ​​​अपने ​​​​युद्ध​ के तौर-तरीकों में बदलाव करके ‘टू फ्रंट वार’ के लिहाज से खुद को तैयार करना चाहती है ताकि वह चीन औ​​र पाकिस्तान दोनों के खिलाफ ​एक साथ ​मुकाबला कर सके​। ​​​अब तक भारतीय सेना ने खुद को​ पाकिस्तान से लगी नियंत्रण रेखा (​​एलओसी) पर प्रमुख रूप से ध्यान केंद्रित करने के लिए लड़ाई के रूप में तैयार किया था क्योंकि चीन के साथ ​लगी ​वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) काफी निष्क्रिय थी।​

अब चीन के साथ तनाव बढ़ने पर पूर्वी लद्दाख की सीमा पर नई ​​आर्टिलरी ब्रिगेड को बढ़ाने पर काम शुरू हो चुका है, जिसमें अल्ट्रा गन हॉवित्जर के अलावा अन्य तोपों की बड़ी तैनाती होगी। ​​ ​

​सूत्रों का कहना है कि ​युद्ध​ के तौर-तरीकों में बदलाव करने के दौरान चीन और पाकिस्तान से जारी संघर्ष के मद्देनजर किसी भी अतिरिक्त बल या एक नए स्ट्राइक कोर को जुटाने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। मौजूदा लड़ाई के फार्मूले को दोनों मोर्चों पर गौर करने के लिए दोहरे-टास्किंग के रूप में दिया जा सकता है​​।​

मौजूदा समय में​ ​पश्चिमी सीमा ​एलओसी पर तीन आक्रामक स्ट्राइक कोर तैनात हैं लेकिन ​उत्तरी सीमा ​एलएसी ​के लिए केवल एक आक्रमणकारी ​​माउंटेन स्ट्राइक कोर ​को ​तैयार किया गया है।​ यानी एलएसी पर तैयारी को ​और ​मजबूत करने के लिए ​​उपाय किए ​जाने की जरूरत है​।​ सेना ​का शीर्ष नेतृत्व इसके लिए विभिन्न प्रस्तावों की बारीकी से जांच कर रहा है जबकि ​सेना के कमांडरों ​से भी सुझाव ​मांगे गए हैं​​​।​

हालांकि ​भारतीय सेना पहले ही चीन के साथ चल रहे संघर्ष ​के मद्देनजर मध्य और पश्चिमी भारत ​में उपकरणों और हथियारों से लैस हो गई है​ लेकिन ​​सेना में ​यह ​बुनियादी बदलाव दो मोर्चों पर एक साथ युद्ध लड़ने की क्षमता विकसित करने के लिए किया जा रहा है।​ ​युद्ध​ के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए​ कमांडरों से भी ​​विचार-विमर्श किया जाएगा​​।​

उनसे मिलने वाले सुझावों के आधार पर ​सेना की तैयारियों को ‘टू फ्रंट वार’ लायक बनाया जायेगा।​ करीब 13 लाख सैनिकों वाली भारतीय सेना के ​युद्ध​ स्वरूपों का पुनर्मूल्यांकन लंबे समय तक चलने वाला अभ्यास हो सकता है।​ ‘टू फ्रंट वार’ की तैयारी के ​​मद्देनजर पूर्वी लद्दाख की सीमा पर नई आर्टिलरी ब्रिगेड को बढ़ाने पर काम शुरू हो चुका है, जिसमें अल्ट्रा गन हॉवित्जर के अलावा अन्य तोपों की बड़ी तैनाती होगी।

​​पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच पनागर (पश्चिम बंगाल) स्थित माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स की एक और आर्टिलरी ब्रिगेड तैनात करने की तैयारी है। हालांकि यहां एक आर्टिलरी ब्रिगेड पहले से ही माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स के डिवीजन से जुड़ी हुई है लेकिन नई ब्रिगेड को कोर से जोड़ा जाएगा।

माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स की अभी तक सिर्फ एक डिवीजन है। आमतौर पर सेना में एक डिवीजन का गठन तीन ब्रिगेड को मिलाकर किया जाता है, जिसमें बख्तरबंद, पैदल सेना और तोपखाने की इकाइयां शामिल होती हैं। इसके बाद दो या दो से अधिक डिवीजन मिलकर एक कोर बनती है। भारतीय सेना की योजना एक पूर्ण माउंटेन स्ट्राइक कोर बनाने की है जिसमें 90 हजार से अधिक सैनिक शामिल होंगे।

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